रखरखाव के अभाव में सूख गये पौड़ी की टेका रोड को पर्यटकों के लिये चैरी-ब्लासम रोड बनाने के नाम पर रोपे गये पेड़!
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
पूर्व मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और जनपद पौड़ी के पूर्व जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल की कंडोलिया-टेका रोड को चैरी -ब्लासम (पंय्या डाली ) रोड बनाने की महत्वाकांक्षी योजना परवान चढ़ने से पहले ही फेल होती नजऱ आ रही है,दरअसल पौड़ी शहर में कंडोलिया-टेका रोड पर रोपी गयी 150 चैरी-ब्लासम की पौध,जिनका रोपण जनवरी 2021में उत्तराखण्ड सरकार के तत्कालीन मुख्यमन्त्री,कैबिनेट मंत्री,राज्य मन्त्री,आयुक्त गढ़वाल और जिला प्रशासन ने पूरे सरकारी तामझाम के साथ किया था,रखरखाव के अभाव में सूख चुकी है,ये पर्यटन नगरी पौड़ी का एक ख़ास आकर्षण होता! लेकिन जब ढ़ाई माह बाद “जागो उत्तराखण्ड” की टीम ने धरातल का मुआयना किया तो पाया कि जो पौधे रोपे गए थे उनमें से अधिकांश सूख चुके हैं!केवल कुछ एक पेड़ जिनमें मन्त्रियों,आयुक्त और जनपद के अधिकारियों के नाम की तख्ती लगी है,वो ही इस कार्ययोजना की लाज बचाने में कुछ हद तक कामयाब हुयी है। आपको बताते चलें कि इसी साल 28-29जनवरी को पौड़ी के दो दिवसीय दौर के दूसरे दिन तत्कालीन मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र ने पौड़ी मुख्यालय के इस मार्ग पर पौधरोपण योजना का शुभारंभ किया था,इसके तहत उन्होंने कंडोलिया-टेका मार्ग पर चेरी-ब्लॉसम (पंय्या) की पौध रोपी थी,पाँच किलोमीटर लंबे कंडोलिया-टेका मार्ग पर चेरी-ब्लॉसम की 150 पौध रोपी गयी,तब जिला प्रशासन ने बताया था कि मार्ग पर कुल 500 पौध रोपी जानी हैं,जिससे पौधों के वृक्ष बनने पर इस मार्ग पर चलने वाले पर्यटकों को चैरी-ब्लासम की झुरमुट के बीच यँहा से गुजरने पर अदभुत अनुभूति होगी!इस इलाके का अनोखा सूर्यास्त का विहंगम नजारा सैलानियों को लुभायेग!
लेकिन इतने बड़े तामझाम के बाद यदि इन पौधों के लिए केयर टेकर की व्यवस्था नहीं करनी थी,तो ये सब पर्यटन विकास के नाम पर बजट को ठिकाने लगाने की कार्ययोजना ही कही जायेगी!आपको बताते चलें कि इस जगह से जहां पौध रोपण का शुभारंभ किया था वहां से महज सौ मीटर की दूरी पर कार्यालय एवं निवास वन संरक्षक गढ़वाल वृत और प्रभागीय वनाधिकारी का कार्यालय भी है! ऐसे में दूरस्थ इलाक़ों में वन विभाग द्वारा लगाये जाने वाले पेड़ों की पौध का हश्र क्या होता होगा आसानी से समझा जा सकता है!