पर्यटन विकास के नाम पर पौड़ी-देवप्रयाग रोड पर लगे चिनार के पेड़ यूँ ग़ायब हुये जैसे गधे के सिर से सींग!

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पर्यटन विकास के नाम पर पौड़ी- देवप्रयाग रोड पर लगे चिनार के पेड़ यूँ ग़ायब हुये जैसे गधे के सिर से सींग !

जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

वीवीआईपी जनपद पौड़ी मुख्यालय के पौड़ी-देवप्रयाग रोड पर सर्किट हाउस -द्वारीधार के पास सहकारिता और उच्च शिक्षा राज्य मन्त्री डॉ धन सिंह रावत और विधायक पौड़ी मुकेश कोली द्वारा इसी साल पच्चीस फरवरी को चिनार के वृक्षों का रोपण किया गया था !

जिसमें सरकारी संसाधनों के “माले मुफ़्त दिले बेरहम” के मुहावरे को चरितार्थ करता हुआ बड़ा तामझाम भी दिखायी दिया था,मगर दुर्भाग्यवश तब लगाये गये चिनार के पेड़ कुछ यूँ ग़ायब हो गये हैं,जैसे “गधे के सिर से सींग !” इन वृक्षों को लगाते समय सोशल मीडिया, इलेक्ट्रोनिक मीडिया व प्रिंट मीडिया में बड़ी-बड़ी बातें करने वाले सहकारिता मन्त्री डॉ धन सिंह रावत और ना ही स्थानीय विधायक पौड़ी मुकेश कोली ने ज़हमत उठायी कि देहरादून से पौड़ी आते हुये कभी इन वृक्षों की सुध ले लें !

हालाँकि दोनों चुनावी वर्ष में  पौड़ी के सर्किट हॉउस में लगातार प्रवास कर रहे हैं !अब बड़ा सवाल ये भी पैदा होता है कि जनपद मुख्यालय को सड़क मार्ग से राजधानी देहरादून जोड़ने वाले इस रूट पर इन दोनों के अलावा मुख्यमन्त्री,मन्त्री,सचिव,मण्डलीय और जिला स्तर के अनगिनत अधिकारी लगातार सफ़र करते हैं,लेकिन क्या किसी ने भी सड़क किनारे सूखते और लापता होते चिनार के इन वृक्षों की ख़बर लेना जरूरी नहीं समझा ?धरातलीय स्थिति पर नजर डालें तो द्वारीधार से लेकर खांड्यूसैंण पैट्रोल पम्प तक चिनार के अधिकांश पेड़ सूखकर लापता हो गए हैं,तीन किमी के दायरे में अब मौजूद महज दो या तीन पेड़ों के साथ उद्घाटन समारोह का विज्ञापन,पेड़ लगाने वालों की उदासीनता और राज्य के खजाने को हुए आर्थिक नुकसान की कहानी बयां करता हुआ इस योजना के हश्र पर आँसू टपकाते हुये शायद इस उम्मीद में अभी भी मौजूद है कि कोई तो होगा जो उसकी सुध लेगा !

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