माँ दीबा पर्यटन स्थल में युवाओं का सफाई अभियान..

0
788

माँ दीबा पर्यटन स्थल में युवाओं का सफाई अभियान..
भाष्कर द्विवेदी,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

चौबट्टाखाल विधानसभा के अन्तर्गत पोखड़ा विकासखण्ड में स्थित सिद्धपीठ माँ दीबा पर्यटन स्थल पर स्थानीय युवाओं द्वारा सफाई अभियान चलाकर प्रकृति और पर्यावरण बचाने की शुरुआत करके प्रकृति को बचाने का संदेश दिया गया,इस पर्यटन स्थल पर आने वाले सभी लोगों और माता रानी के भक्तों से निवेदन किया गया कि वे जब इस मन्दिर में आयें तो अपने साथ खाने पीने की वस्तुओं और अन्य चीजों को इधर-उधर ना फैलाएं,क्योंकि इससे हमारी आस्था व श्रद्धा के साथ प्रकृति और देवी की शक्ति दोनों ही धूमिल तो होते ही हैं, हमारे संस्कारों का भी पता चलता है,इस अभियान में शामिल राजीव थपलियाल,हिमांशु जखमोला, राहुल बिष्ट,साहिल बिष्ट,शुभम बिष्ट,दीपक नेगी और साथी युवाओं की “जागो उत्तराखण्ड” दिल से सराहना करता है और सभी लोगों से निवेदन करता है कि भविष्य में आप जिस भी पर्यटन स्थल पर जाएं तो साफ सफाई और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।

आपको बताते चलें कि माँ रसुलवांण दीबा आज भी अपने अनोखे चमत्कार के लिए विख्यात है,माता के मन्दिर के इर्द गिर्द ऐसी शक्तियां हैं,कि हर कोई हैरान हो जाता है,माँ रसुलवांण दीबा का ये मन्दिर पौड़ी जनपद की चौबट्टाखाल विधानसभा के पोखड़ा विकासखण्ड की किमगड़ीगाड पट्टी के झलपड़ी गाँव के ऊपर घने जंगल में स्थित है,माह अप्रैल से जुलाई 15 तारीख तक इस पवित्र स्थान पर स्थानीय लोगों और देश दुनिया से आने वाले पर्यटकों का तांता लगा रहता है,झलपड़ी गाँव से रास्ता जंगल और दुर्गम पहाड़ी से होकर माता के मंदिर पहुंचता है,लोग यहाँ का सफ़र रात में करते हैं क्योंकि यहाँ से सूर्य भगवान के अद्दभुत, अकल्पनीय दर्शन होते हैं,इस जगह पर सुबह के 4 बजे सूर्योदय के दर्शन होते है, हिमालय और कैलाश पर्वत के बीच से जब सूरज निकलता है तो ऐसे लगता है कि जैसे वो स्थिर और हमारे एकदम पास हो, भगवान सूर्य का यह रूप अनोखा होता है,जिसमें वह पहले लाल,फिर केसरिया और अंत में चमकीले सुनहरे रंग में आता है। भगवान सूर्य के इस विलक्षण रूप को देखने के लिए लोग यहाँ रात को ही बसेरा लगा देते हैं।इतना ही नहीं माता रानी के आशीर्वाद से रात को यहाँ के जंगलों से आदमी अकेला भी गुजर जाता है!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here