लोकतन्त्र का लोमहर्षक दृश्य:दरिन्दा विधानसभा में और जनसंघर्षों के व्यक्तित्व को पुलिस घसीट रही सड़कों पर..
अभी कुछ दिन हुये भारतीय जनता पार्टी के खानपुर विधायक प्रणव सिंह जो ख़ुद को चैम्पियन बताता है, का शराब के नशे में उत्तराखण्ड को गाली बकता,हथियार लहराता वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ,लोगों का खून खूब खौला और फेसबुक ,व्हाट्सएप से लेकर सड़क के चौक से लेकर गली,मौहल्ले में उसकी चर्चा है,ये जानवर नुमा विधायक पहले काँग्रेस में था और तब भी इसकी यही हरकतें थीं,अब भाजपा से निकाले जाने के बाद शायद ये फिर घर वापसी कर ले,ये काँग्रेस के चरित्र की परीक्षा की भी घड़ी है कि इसके लिये पार्टी के दरवाज़े बन्द रखे जायें, लेकिन राज्यद्रोह का अपराध करने वाला यह जानवर अभी भी खुला घूम रहा है इसको गिरफ़्तार करने का दम नहीं उत्तराखण्ड सरकार और उसकी पालतू पुलिस के पास
दूसरीऔर गैरसैंण को राजधानी बनाने के किये आन्दोलनरत पैंतीस आंदोलनकारियों को यही पुलिस देहरादून में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर बेरहमी से गिरफ़्तार कर जेल भेज देती है,इन आंदोलनकारियों को जेल ले जाते हुये लोकतन्त्र का एक लोमहर्षक दृश्य यह भी है कि जनसरोकारों के लम्बे संघर्ष से जुड़े एक नितान्त पहाड़ी सोच के बुद्दिजीवी,शालीन व्यक्ति इन्द्रेश मैखुरी को पुलिस घसीटते हुये जेल ले जा रही है,जिसको लेकर अभी तक हम पहाड़ियों की भावनाओं में कोई ख़ास उबाल नहीं दिखता,यह व्यक्ति आपकी विधानसभा में पहुँच कर इस पहाड़ी प्रदेश के जनसरोकारों के मुद्दे पुरज़ोर तरीके से उठा कर पहाड़ को न्याय दिला सकता था,लेकिन इस पहाड़ी प्रदेश का दुर्भाग्य देखिये शराब में धुत्त ,पिस्तौल लहराने वाला विधानसभा में है और जिस प्रखर वक्ता और बुद्दिजीवी को विधानसभा में होना था,उसको पुलिस सड़क पर घसीट रही है,वो लड़ रहा कि पहाड़ी प्रदेश की राजधानी पहाड़ में हो गैरसैण में हो,जिससे खानपुर के दरिंदे जैसी पहाड़ियों पर गुर्राने की हिमाक़त कोई न करे ,जागो पहाड़ियों जागो,अब नहीं जागे तो फ़िर जान लो कि तुम्हारी जगह खानपुर के दरिंदे के हिसाब से कँहा है?