अखाड़ा परिषद की बैठक में पालघर साधुओं की हत्या की सीबीआई जाँच की मांग उठी

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-अशोक सिंघल को मिले भारत रत्न का प्रस्ताव पारित
-हरिद्वार कुम्भ मेला 2021 के सम्बन्ध में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित
-अखाडा परिषद का प्रतिनिधिमण्डल पारित प्रस्ताव को लेकर मिलेगा मुख्यमंत्री से

हरिद्वार । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बुधवार को यहंा श्रीपंचदशनाम जूना भैरव अखाड़ा में हुयी, बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किये गये। बैठक में पालघर महाराष्ट्र में जूना अखाड़े के दो साधुओं की हत्या की सीबीआई जाॅच कराए जाने तथा रामजन्म भूमि आंदोलन के अग्रणी जननायक अशोक सिंघल को भारत रत्न दिए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। अशोक सिंघल की स्मृति में पूरे देश में कीर्ति स्त्म्भ बनाये जाने तथा उस पर राजनन्म भूमि आंदोलन में शामिल सभी प्रमुख संतो शहीद कारसेवकों के नाम अंकित किए जाने की मांग की गयी। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि तथा महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने प्रस्तावों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा सभी तेरह अखाड़ों को उनकी निजी भूमि पर कुम्भ मेले हेतू स्थायी निर्माण कराए जाने हेतू एक-एक करोड़ की धनराशि आवंटित की गयी है, लेकिन बैरागी अखाड़े निर्मोही अणि दिगम्बर अणि तथा निर्वाणी आदि के पास निजी भूमि नही है। इसलिए प्रस्वात पारित किया गया है कि अगामी 5 सितम्बर को अखाड़ा परिषद का एक प्रतिनिधि मण्डल जिसमें अध्यक्ष तथा महामंत्री के अलावा तीनों अणियों के श्रीमहंत शामिल होगें।
कुम्भ मेले के दौरान यातायात व्यवस्था सुचारू बनाये रखने के लिए बहादराबाद-लक्सर मार्ग बनाये जाने तथा नगर से 50 किलोमीटर पहले ही बाहर से आने वाले वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था किए जाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। श्रीमहंत हरिगिरि ने बताया कि इन सभी प्रस्तावों को लेकर 28 अगस्त को अखाड़ा परिषद का प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री से देहरादून जाकर मिलेगा। बैठक में सभी तेरह अखाड़ो के प्रतिनिधियों जिनमें जूना अखाड़े के श्रीमहंत महेशपुरी,पूर्व सभापति श्रीमहंत सोहन गिरि,निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत रविन्द्रपुरी,महंत ओकार गिरि,अग्नि अखाड़े के महंत मुक्तानंद आवाहन अखाड़े के महंत सत्यगिरि,आनंद अखाड़े के महंत शंकरानन्द सरस्वती,महानिर्वाणी अखाड़ के महंत कृष्णापुरी,अटल अखाड़े के बलराम भारती,बड़ा अखाड़ा उदासीन के महंत दामोदर दास,प्रेमदासनिर्मल अखाड़े के महंत देवेन्द्र सिंह,नया उदासीन अखाड़े के महंत भगतराम,निर्वाणी अणि के महंत धर्मदास,महंत मोहनदास,दिगम्बर अणि के महंत कृष्णदास,निर्मोही अणि के महंत राजेन्द्रदास तथा महंत रामजी दास आदि उपस्थित थे।

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