आरोप: सहकारिता विभाग में नौकरी में हुए घपले की CBI जांच की मांग…

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देहरादून। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सहकारिता विभाग की भर्ती प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। राज्य के सहकारिता विभाग में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। जिसकी पुष्टि जिला सहकारी बैंक रुड़की के निदेशक की बर्खास्तगी ने साबित कर दी है कि उत्तराखंड राज्य के सभी सहकारी बैंकों में हुई भर्ती में भारी मात्रा में धांधली हुई है।

गणेश गोदियाल ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम सहकारिता विभाग में मोटी रकम लेकर अपने चहेते लोगों को नौकरियों का बंटवारा हुआ है। इस मामले में सीबीआई जांच करते हुए उन्होंने बैंक भर्ती घोटाले और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया।

मोटी रकम लेकर अपनों को बांटी नौकरियां

गोदियाल ने कहा कि जनता को गुमराह करके भर्ती में भी घोटाला किया गया है। राज्य कोऑपरेटिव बैंक में चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती के नाम पर भारी धांधली हुई थी। जिसने राज्य सरकार के सहकारिता विभाग की पोल खोल कर रख दी है।

बेरोजगार नौजवानों का हक मारा गया: गणेश गोदियाल

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि इससे पहले भी कोऑपरेटिव बैंक के रिक्त पदों के लिए जो भर्ती चयन परीक्षा करायी गयी थी। उसे भी भ्रष्टाचार की नीयत से उत्तराखंड की बजाय नोयडा में आयोजित किया गया था। इस परीक्षा स्थानीय बेरोजगार नौजवानों के हक को मारा गया था।

घोटालों के विरोध में धरना प्रदर्शन

आपको बता दें कि बीते 11 अप्रैल 2022 को कांग्रेसजनों द्वारा राज्य कोऑपरेटिव बैंक के फोर्थ क्लास के पदों की नियुक्ति में हुए घोटाले को लेकर गणेश गोदियाल के नेतृत्व में सचिवालय के मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन किया गया था।

भाजपा सरकार में मची है खुली लूट

उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने स्वयं स्वीकार किया था कि सरकार में उगाही की खुली लूट मची हुई है. इस पर लगाम लगाने की जरूरत है. रुड़की में जिला कोऑपरेटिव बैंक भर्ती की जांच के उपरांत निदेशक की बर्खास्ती ने साबित कर दिया है कि राज्य के सभी सहकारी बैंकों तथा सहकारी संस्थाओं में नौकरी के नाम पर बेरोजगार नौजवानों से मोटी रकम वसूली गई है।

बैंक भर्ती घोटाले व भ्रष्टाचार की CBI जांच कराई जाए: गणेश गोदियाल

गणेश गोदियाल ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली उत्तराखंड सरकार द्वारा सहकारी संस्थाओं में हर स्तर पर भ्रष्टाचार को प्राश्रय दिया है। सरकार में बैठे लोग घोटाले खुलने के नाम पर मौनव्रत धारण किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सहकारी विभाग तथा कोऑपरेटिव बैंकों में हुए भर्ती घोटाले और भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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