विश्व पर्यावरण दिवस विशेष
कंडोलिया वन क्षेत्र के पर्यटन विकास के नाम पर क्यों काटे जा रहे हैं दर्जनों हरे भरे देवदार के पेड़?
जागो ब्यूरो विशेष:
कंडोलिया में निर्मित बहुचर्चित थीम पार्क के नाम पर पूरे कंडोलिया क्षेत्र में सैकड़ों देवदार और अन्य प्रजाति के पेड़ों को काटकर पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचाई गयी है,पार्क के निर्माण के नाम पर कंडोलिया वन क्षेत्र की सैकड़ों वर्षों से शोभा, मजबूती से खड़े दर्जनों ऊँचे-लम्बे देवदार के पेड़ पहले ही काटे जा चुके हैं,लेकिन पार्क के निर्माण के बाद भी अब माल रोड के विकास के नाम पर करीब 60 से ज्यादा देवदार और अन्य प्रजाति के पेड़ों का छपान किया गया है,यानी कि उन्हें काटा जाना प्रस्तावित है!समझ में नहीं आता कि जिन खूबसूरत देवदार के ऊंचे मजबूत दरख़्तों की वजह से इस कंडोलिया वन क्षेत्र की पूरे विश्व में पहचान है,उनको काटकर किस तरह का पर्यटन का विकास स्थानीय प्रशासन या सरकार करना चाहती है?कंडोलिया पार्क के अंदर और जिलाधिकारी आवास के अन्दर पेड़ काटने का कारनामा पूर्व जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल के कार्यकाल में अंजाम दिया गया,उसके बाद इन पेड़ों को औने-पौने में नीलाम भी कर दिया गया!पौड़ी को एक थीम पार्क देने के नाम पर पर्यावरण की यह तबाही किसी भी पर्यावरण प्रेमी के गले से नीचे नहीं उतर सकती,अपने निर्माण के महीनों बाद भी बंद पड़ा यह थीम पार्क करोड़ों रुपया बर्बाद होने की कहानी कहता है,दूसरी और पार्क से लगी सड़क के किनारे ऐसे पेड़ों को काटा जाना प्रस्तावित है,जो सड़क को भी बाधित नहीं करते और पार्क की दीवार से सटे हुए हैं,पर्यावरण की इससे बड़ी तबाही और क्या हो सकती है?”जागो उत्तराखंड” सम्पादक अंबेश पंत ने पूरे कंडोलिया वन क्षेत्र का मुआयना किया और पाया कि करीब 60 से ज्यादा देवदार और अन्य प्रजाति के पेड़ों का काटने हेतु छपान किया गया है!आज जहां आज सारी दुनिया विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हुये पर्यावण के संरक्षण पर चिन्ता प्रकट कर रही है,ऐसे में ये जायज़ सवाल पैदा होता है कि हम बेशक नए पेड़ लगाएं न लगाएं,लेकिन वे पेड़ जो मजबूती से हमारे पर्यावरण की रक्षा कर रहे हैं, उनको बेवजह क्यों काटा जा रहा है ?”जागो उत्तराखंड” पौड़ी की जागरूक जनता और बुद्धिजीवियों व पर्यावरण प्रेमियों से निवेदन करता है कि अगर भविष्य में इन हरे भरे पेड़ों को काटा जाता है तो इसे रोकने के लिये अगर जन आन्दोलन भी करना पड़े तो,सभी लोग इस आन्दोलन का समर्थन करें!जिससे पौड़ी की खूबसूरती के रखवाले इन देवदार के हरे पेड़ों को कटने से बचाया जा सके।