पौड़ी के शिक्षा विभाग ने हाइकोर्ट के स्टे के बावजूद करा दिया लेक्चरर का इंटरव्यू और दे दी नियुक्ति!

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पौड़ी के शिक्षा विभाग ने हाइकोर्ट के स्टे के बावजूद करा दिया लेक्चरर का इंटरव्यू और दे दी नियुक्ति!

जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

पौड़ी का शिक्षा विभाग नित नये कारनामों की वजह से कुख्यात है चाहे नियुक्तियों और अनुमोदन के लिये विभाग के अधिकारियों का पैसे लेते हुये स्टिंग में फँसना हो,महिला शिक्षिका से दुर्व्यवहार हो या अन्य किसी किस्म की अनियमितता,शिक्षा विभाग के अधिकारी बेलगाम हैं,अब तो हद ही हो गई जब शिक्षा विभाग ने लेक्चरर के एक पद पर हाई कोर्ट का स्टे होने के बावजूद चयन प्रक्रिया संपन्न कराते हुए इंटरव्यू कराकर नियुक्ति भी दे दी है,मामला पौड़ी जनपद के पब्लिक इंटर कॉलेज कोठिला का है,यहां पर वर्ष 2012 में लेक्चरर के कुछ पद विज्ञापित हुये,चार साल बाद इन पदों का वर्ष 2016 में इंटरव्यू करवाना सुनिश्चित हुआ,संजय कुमार नामक आवेदक का नाम 2012 में बनी हिन्दी विषय की टॉप 7 में मौजूद था,लेकिन जब 2016 में इंटरव्यू होना तय हुआ तो संजय कुमार का नाम टॉप सेवन से बाहर कर दिया गया,इसी आधार पर संजय कुमार ने उत्तराखण्ड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की,जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हिंदी प्रवक्ता पद पर चयन प्रक्रिया को स्टे कर दिया,लेकिन शायद चार साल बाद पौड़ी के मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी को इस पद पर हाइकोर्ट का स्टे याद नहीं रहा और उनकी संस्तुति पर हिंदी के इस पद को न केवल विज्ञापित किया गया,बल्कि टॉप 7 बनाकर विगत दो फरवरी को इंटरव्यू करवाकर हिन्दी के इस पद पर किसी अभ्यर्थी को नियुक्ति भी दे दी गई है,

 

उधर माननीय उच्च न्यायालय के संज्ञान में शिक्षा विभाग का ये कारनामा लाने के लिये संजय कुमार के अधिवक्ता पौड़ी के शिक्षा विभाग के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने के लिए आवेदन करने की तैयारी में हैं, हैरानी है कि पौड़ी के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के इस बेलगाम रवैये पर उत्तराखण्ड के शिक्षा विभाग के सचिव,उच्च अधिकारी और विभागीय मन्त्री लगाम लगाने के इच्छुक नहीं दिखाई दे रहे हैं,इसका साफ़ मतलब है कि उत्तराखण्ड के शिक्षा विभाग में पूरी दाल ही काली है।

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