ट्रान्सफर एक्ट और ज़ीरो टोलरेन्स पर पलीता लगाते हुए गृह जनपद में डटे शिक्षा विभाग के अधिकारी..

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ट्रान्सफर एक्ट और ज़ीरो टोलरेन्स पर पलीता लगाते हुए गृह जनपद में डटे शिक्षा विभाग के अधिकारी..

जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

राज्य में यूँ तो डबल इंजन वाली सरकार द्वारा ज़ीरो टोललेन्स की नीति का खूब ढोल पीटा जा रहा है,लेकिन सरकार की इस नीति को उच्च पदों पर बैठे शिक्षा विभाग के अधिकारी ठेंगा दिखा रहे हैं,राज्य में सरकार बनते ही जारी मेनिफेस्टो के अनुसार राज्य में स्थानान्तरण एक्ट- 2017 लागू किया गया, स्थानान्तरण एक्ट लागू होने के बाद लग रहा था,कि अब राज्य में ट्रान्सफर पोस्टिंग में चलने वाला खेल पूरी तरह बंद हो जायेगा, परन्तु ऐसा कुछ होता नही दिख रहा है, जिसका ताजा उदाहरण शिक्षा विभाग में देखने को मिल रहा हैं ,राज्य स्थानान्तरण एक्ट की धारा 17(2)(क) के अनुसार राज्य सरकार के समूह “क” और “ख” के अधिकारी को अपने गृह जनपद में तैनाती नही मिल सकती है,लेकिन विभागीय अधिकारी राज्य स्थानान्तरण एक्ट -2017 को धत्ता बताकर अपने राजनीतिक आकाओं के संरक्षण में अपने गृह जनपदों में ही डटे हैं,इस मामले में अभी जनपद हरिद्वार निवासी पदम् कुमार के द्वारा मा0 उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी दाखिल की गयी है,बता दें कि जनपद हरिद्वार में जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा के पद पर तैनात ब्रहमपाल सैनी जनपद हरिद्वार के ही निवासी हैं,इसके अतिरिक्त जनपद हरिद्वार में ही कई उपशिक्षा अधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी भी जनपद हरिद्वार के निवासी होने के बावजूद यंही पर तैनात है,जो राज्य स्थानान्तरण एक्ट का खुला उल्लंघन हैं,स्थानीय होने के कारण अधिकारियों की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है और इनके द्वारा अपने रिश्तदारों और नजदीकियों को लाभ देने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है,ये अधिकारी अपने कार्यों पर ध्यान देने के बजाय अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं और अपने चहेतों को लाभ देने के लिए नियमविरुद्ध कार्य भी करते हैं, देखना होगा कि ज़ीरो टोरलेन्स का दम्भ भरने वाली सरकार इन अधिकारियों को कब इनके गृह जनपदों से हटाती है।

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