मुंबई। गढ़वाल पोस्ट का चौथा पुरस्कार वितरण समारोह मुंबई के राजभवन में आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी रहे और उन्होंने अभिनय, लेखन, फिल्म निर्देशन, उद्यमिता और पत्रकारिता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिचीन हस्तियों को विभिन्न श्रेणियों के तहत गढ़वाल पोस्ट पुरस्कार प्रदान किए।
समारोह में उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। सभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि हिंदी फिल्मों ने देश भर में और यहां तक कि विदेशों में भी हिंदी भाषा को लोकप्रिय बनाने में बहुत योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि वह फिल्मों के शौकीन नहीं हैं। और वह नियमित रूप से फिल्में नहीं देखते हैं,
लेकिन वह फिल्मों के माध्यम से हो रहे हिंदी के इस प्रचार प्रसार से वे खुश हैं। कोश्यारी ने कहा उन्हें नेपाली भाषा का गूढ़ ज्ञान नहीं है पर जब वह नेपाल के अंदरूनी क्षेत्रों में गए तो लोगों ने उनके साथ आसानी से हिंदी में बात की। इसी प्रकार का अनुभव उन्हें बांग्लादेश में भी हुआ।पूछने पर लोगों ने उन्हें कहा कि वह हिंदी फिल्में देखकर हिंदी बोलना सीख गए हैं।
कोश्यारी ने गढ़वाल पोस्ट सम्मान पाने वालों से यह याद रखने का आह्वान किया कि वे अपने जीवन में कैसे ऊंचाई तक पहुंचे थे और उन्होंने क्या हासिल किया था। उन्होंने कहा सम्मान पाने वाले दूसरों को भी उत्कृष्टता और सफलता हासिल करने में मदद करें।
दूसरों की मदद करने व प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कला को बढ़ावा जब तक नहीं दिया जाएगा, कला जीवित और पनप नहीं सकती। इस अवसर पर कोश्यारी ने अंग्रेजी दैनिक गढ़वाल पोस्ट और व उसके संपादक सतीश शर्मा की भी खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सतीश शर्मा लगातार अच्छी लेखन सामग्री के साथ देहरादून में नियमित रूप से एक अंग्रेजी अखबार चला रहे हैं, जो एक बड़ी चुनौती थी लेकिन उन्होंने इसे हासिल किया है।
उन्होंने आगे कहा कि सतीश शर्मा ने गढ़वाल पोस्ट को मसूरी की पहाड़ियों से मालाबार हिल्स ले आए हैं। एक छोटे प्रकाशन के साथ शुरू करने के बावजूद सतीश शर्मा ने बड़ा सपना देखा और अब बॉलीवुड में अपना नाम भी बना लिया है। पिछले वक्ताओं द्वारा की गई अपनी प्रशंसा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कोश्यारी ने कहा कि उन्होंने आम व्यक्ति को आसान पहुंच प्रदान करके राजभवन को लोक भवन में बदलने की कोशिश की है। उन्होंने खुलासा किया कि उत्तराखंड से बहुत सारे लोग उनसे मिलने आते हैं।
हर दिन, लोग अपनी समस्याओं के निराकरण की आशा लिए उनके पास आते हैं उनकी समस्याओं के निराकर उनके हस्तक्षेप की मांग करते हैं। हालांकि उन्होंने सभी की मदद करने की कोशिश की, लेकिन अनेक ऐसे मौके आए जब स्थानीय प्रशासन ने उनकी सिफारिशों पर आवश्यक ध्यान नहीं दिया। कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने भी गढ़वाल पोस्ट की प्रशंसा की और कहा कि मुंबई से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हासिल करने वाली हस्तियों के साथ-साथ उत्तराखंड में अपनी जड़ों वाले लोगों को गढ़वाल पोस्ट द्वारा सम्मानित किया गया है।
पुरस्कार पाने वाले सभी उत्तराखंड में रूचि रखते हैं और प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उत्तराखंड के साथ संबंध बनाए हुए हैं। उन्होंने समारोह में सम्मानित सभी लोगों को उत्तराखंड आने का आह्वान किया और यहां तक कहा कि वह गढ़वाल पोस्ट के संपादक सतीश शर्मा के साथ मिलकर एक समारोह आयोजित करेंगे, जिसमें इस कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले सभी लोगों को आमंत्रित किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय अभिनेता कबीर बेदी ने भी गढ़वाल पोस्ट की प्रशंसा की और कहा कि वर्तमान समय में दैनिक समाचार पत्र के अस्तित्व को बनाए रखना और नियमित रूप से प्रकाशित करना एक बड़ी चुनौती है। गढ़वाल पोस्ट पिछले 25 वर्षों से ऐसा करने में सक्षम रहा है। ।
बुधवार को गढ़वाल पोस्ट लाइफटाइम अवार्ड से सम्मानित होने वाले प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक व शोले जैसी फिल्म बनाने वाले रमेश सिप्पी ने कहा कि जब भी उन्हें किसी सार्वजनिक मंच पर बोलना होता है तो लोग उन्हें हमेशा ‘शोले’ के डायलॉग की याद दिलाने लगते है। उन्होंने कहा उन्होंने बहुत अधिक फिल्में नहीं बनाई हैं, और वह इस पुरस्कार के लिए वह गढ़वाल पोस्ट के आभारी हैं।
तथा राज्यपाल कोश्यारी के हाथों पुरस्कार प्राप्त कर उन्हें विशेष खुशी हुई है।
फिल्म निर्देशक विशाल भारद्वाज ने कहा कि दिवंगत अभिनेता टॉम ऑल्टर के माध्यम से वह उत्तराखंड की ओर आकर्षित हुए। उनका अब मसूरी में एक घर है और वह भविष्य में मुंबई से ज्यादा वहां रहना चाहेंगे।
प्रसिद्ध अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने भी सभा को संबोधित किया और पुरस्कार के लिए गढ़वाल पोस्ट को धन्यवाद दिया। इस मौके पर सिंगर और विशाल भारद्वाज की पत्नी रेखा भारद्वाज ने दो गाने भी गाए। गढ़वाल पोस्ट लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड्स में रमेश सिप्पी, तिग्मांशु धूलिया, अनिल शर्मा, फिल्म निर्देशकों में विशाल भारद्वाज, प्रमुख फिल्म अभिनेताओं में कबीर बेदी और हिमानी शिवपुरी, उत्तराखंड के प्रमुख उद्योगपति वीके धवन और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव चोपड़ा शामिल रहे।
गढ़वाल पोस्ट अवार्ड्स इस साल 15 हस्तियों को दिए गए। विजेताओं में अभिनेता हेमंत पांडे, प्रौद्योगिकी उद्यमी राकेश दवे, अभिनेता वरुण बडोला, रंगकर्मी आलोक उल्फत, बौद्ध आध्यात्मिक गुरु शांतम सेठ, वेल्हम बॉयज स्कूल की प्रिंसिपल संगीता कैन, बिल्डर राकेश बट्टा, गायक और अभिनेता सुधांशु पांडे, टीवी अभिनेत्री आशा नेगी, अभिनेता शहजाद खान (दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता अजीत के बेटे), पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश मनसेरा, अभिनेता इश्तियाक खान, फिल्म निर्देशक वरुण गुप्ता, अभिनेत्री शिवांगी जोशी और वकील दीपक कुमार शामिल रहे।
गढ़वाल पोस्ट सिल्वर जुबली अवार्ड्स अभिनेत्री मनीषा कोइराला, अभिनेत्री दिव्या दत्ता, अभिनेता विक्रम मकरंदर, आउटडोर प्रचारक और प्रतिबद्ध सामाजिक कार्यकर्ता योगेश लखानी और ग्लोबल एडवरटाइजिंग एंड मार्केटिंग इन्फ्लुएंसर कॉल्विन जेम्स हैरिस को प्रदान किए गए।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने 3 लघु फिल्मों के पोस्टर का विमोचन भी किया, जो ज़ाफरनिया नामक रोमांटिक लघु फिल्मों की एक श्रंखला है। फिल्में शुभम धीमान द्वारा लिखित और निर्देशित हैं, जबकि इसे लेखक और पत्रकार अंजलि नौड़ियाल द्वारा निर्मित किया गया है।
इस अवसर पर बोलते हुए, गढ़वाल पोस्ट के प्रकाशक और संपादक सतीश शर्मा ने अपनी और गढ़वाल पोस्ट की सफलता की यात्रा में योगदान देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा उत्तराखंड को भारतीय फिल्मों के लिए पसंदीदा फिल्मांकन गंतव्य बनाने का सपना देखा था। कार्यक्रम का संचालन प्रिया मलिक ने किया। स्वागत भाषण अभिनेत्री श्रुति पंवार ने दिया जबकि धन्यवाद प्रस्ताव अभिनेता चित्रशी रावत ने दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार अरुण प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।