कोर्ट के आदेश के नाम पर बीरोंखाल के आधा दर्जन मन्दिरों पर एसडीएम थलीसैंण ने चलवा दिया जेसीबी..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
उपजिलाधिकारी थलीसैंण के नेतृत्व मे बीरोंखाल के दर्जन भर मन्दिरों को शनिवार को जेसीबी से तुड़वा दिया गया,इनमें दीबा मन्दिर जिवई, दुर्गा मंदिर ढुलकोली,गडसारी स्थित हनुमान मंदिर व सुकई स्थित रामेश्वर मंदिर शामिल है,सर्वाधिक विरोध सुकई स्थित रामेश्वर मंदिर को ढहाने में प्रशासन को झेलना पड़ा मंदिर को ढहाने के विरोध में सुबह से ही सुकई के ग्रामीण मन्दिर के प्रांगण मे जमा हो गये व भजन कीर्तन करने लगे,इस बीच उपजिलाधिकारी थलीसैंण अरविंद बिष्ट,थानाध्यक्ष थलीसैंण संतोष कुमार के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन ने जनता को समझाने का प्रयास किया व उपस्थित जनता को कानूनी कार्यवाही व मुकदमों का भय दिखाया, कि उन्हे न्यायालय के आदेश के अनुपालन में हर हाल मे मन्दिरों को तोडना है,लम्बी वार्ता के बाद ग्रामीणों के साथ उपजिलाधिकारी व एनएच के अधिकारियों के बीच सहमति बनी कि मन्दिर के स्थान पर प्रशासन नियमानुसार नये मन्दिर के निर्माण में सहयोग करेगा,उसके बाद प्रशासन ने रामेश्वर मंदिर को भी ढहा दिया,स्थानीय जनता ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया है कि राजनैतिक दबाव के चलते सलोनधार स्थित काल भैरव के मन्दिर तक प्रशासन का कोई अधिकारी कार्यवाही को नहीं पंहुचा व राजनीतिक दबाव में उसको स्थान परिवर्तन का समय भी दिया गया,जबकि प्रशासन बीरोंखाल के मंदिरों को ढहाने के लिये आतुर दिखा,वहीं स्थानीय नेतृत्व को लेकर भी जनता ने नाराजगी व्यक्त की कि कोई सामाजिक संगठन व राजनीतिक दल,जन सहयोग के लिए आगे नहीं आया,यूकेडी डेमोक्रेटिक के पूर्व लोकसभा पौड़ी प्रत्याशी इंजीनियर डीपीएस रावत ने उत्तराखण्ड के हाईकोर्ट व राज्य की बीजेपी सरकार के नियमों की कड़ी आलोचना करते हुये कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर ब्लॉक बीरोंखाल में पूर्वजों के बनाये हुए मंदिरों को नष्ट किया जाना हिन्दओं की आस्था को गहरी ठेस पहुंचाना है,उन्होंने कहा कि जनता अब बीजेपी-काँग्रेस की चाल को ढंग से समझ चुकी हैं,एक तरफ तो मोदी सरकार अयोध्या में राम मन्दिर बनाने की बात करती है,वंही ठीक दूसरी तरफ पहाड़ो में प्राचीन मन्दिरों को तोड़ने का काम कर रही हैं,यूकेडी डेमोक्रेटिक बहुत जल्द इस मामले में कोर्ट के माध्यम से जनता के हक-हक़ूक़ की पैरवी करेगी।