पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं को नही मिल पाता है उनके श्रम का लाभ:प्रो. नौटियाल कुलपति हेनब गढ़वाल केंद्रीय विवि
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने विस्तृत व्याख्यान दिया। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘एक स्थायी कल के लिए लैंगिक समानता’ पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में महिलाओं की चुनौती पर कहा कि समाज में आज भी महिलाओं को कई चुनौतियां का समाना करना पड़ता है लेकिन महिलाएं वर्तमान युग में सशक्त हुई है और वह अपने लक्ष्य पाने में कामयाब भी हो रही है। कुलपति नौटियाल ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं को अधिक से अधिक भागीदारी के लिए आंमत्रित किया और कहा कि महिलाओं को वर्तमान परिदृश्य में अपने अंदर नई सोच को विकसित करना होगा जिससे उनकी कार्य-क्षमता बढ़ेगी और तभी समाज में लैंगिक समानता आयेगी। उन्होंने कहा कि हिमालयन विश्वविद्यालय संघ के अंतर्गत आने वाले विश्वविद्यालयों ने महिला सशक्तिकरण से संबधित 5 क्षेत्रों में अध्ययन किया है और इस अध्ययन से पता चला है कि पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं के द्वारा किये जाने वाले श्रम का लाभांश महिलाओं को नही मिल पाता है जबकि महिलाएं घर और बहार का कार्य करती हैं। कुलपति नौटियाल ने पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति पर विस्तृत व्याख्यान देते हुए उनकी स्थिति में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।इस ऑनलाइन कार्यक्रम की संयोजक प्रो0 मंजुला राणा ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के महत्व को बताते हुए कहा कि आज का दिन महिलाओं के लिए अपने चिंतन करने का दिन है और आज महिलाओं ने प्रत्येक क्षेत्र में पितृसतात्मक धारणाओं को तोड़ते हुए अपने सपने पूरे किए है। उन्होंने ग्लोबल जेंडर रिर्पोट का हवाला देते हुए कहा कि महिलाओं को राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में अभी भी नेतृत्व की भागीदारी नही मिल रही है जिससे महिला सशक्तिकरण की परिकल्पना पूरी नही हो सकती है।