पलायन के बाद अब पहाड़ के गांवों पर बाहरी रसूख़दार लोगों के कब्जों का काला साया,यमकेश्वर में शासन -प्रशासन से मिलीभगत कर अवैध रूप से ज़बरन बना रहे सड़क…
मामला पौड़ी जनपद के यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र का है,ऋषिकेश और हरिद्वार में आसमान छूती जमीन की कीमतों और नोटबन्दी के बाद रियल स्टेट बाजार की सुस्त रफ़्तार ने भूमाफियाओं और रसूखदार लोगों को इस इलाक़े की ओर आकर्षित किया है,क्योंकि ये इलाका ऋषिकेश और हरिद्वार से काफी नजदीक भी है और पर्यटन और एग्रो बिज़नेस के मुफ़ीद भी,जमीनें सस्ती,क्योंकि रोजगार और सुविधाओं की तलाश में गांव खाली हो रहे हैं और ग्रामीण औने पौने में जमीनें बेचकर पास के ऋषिकेश और आसपास के इलाकों में बसना बेहतर विकल्प समझ रहे हैं,इस इलाके में बाहरी लोगों ने सैकड़ों नाली भूमि रिसोर्ट,कैंपिंग और एग्रो बिज़नेस के लिए खरीद ली है और अब एक ऐसा मुक़ाम आ गया है,जब ये रसूखदार लोग खरीदी गयी जमीन से कई ज्यादा भूमि पर कब्जा जमा बैठे हैं,ताज़ा मामला यमकेश्वर इलाके के धमन्दा और कोठार ग्रामसभा का है,जानकारी प्राप्त हुयी है कि यँहा पर बाबा रामदेव ने अपने एग्रो फार्म व आश्रम के लिए करीब 100 नाली जमीन खरीद की है,वंही प्रसिद्ध नीलकण्ठ मन्दिर के नज़दीक झिलमिल गुफ़ा के पर्यटन महत्व को देखते हुए रसूखदारों ने खरीद जमीन से कई ज्यादा नाली भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर लिया है,पिछले कुछ महीनो से ये रसूख़दार लोग अपनी भूमि तक बिना शासन-प्रशासन की अनुमति के बिना ही एक सड़क मार्ग अवैध तरीके से बनाने को प्रयासरत हैं, आरोप है कि स्थानीय धमन्दा और कोठार गाँव के लोगों की नाप भूमि को इन लोगों ने जबरन काट डाला है,जिसमें कई पेड़ और पौध को भी उखाड़ फेंक कर ग्रामीणों को आर्थिक क्षति पहुंचाई गयी है,ग्रामीणों द्वारा इसका जबरदस्त विरोध करने के बाद अवैध सड़क निर्माण कर रही जेसीबी को प्रशासन द्वारा सीज किया गया, किन्तु अपनी ऊँची पहुँच के चलते उसी जेसीबी द्वारा रात को ग्रामीणों की भूमि पर दोबारा अवैध रूप से सड़क कटान शुरू हो गया,इस इलाके में मुख्यतः तीन प्रकार की भूमि मौजूद है,ग्रामीणों की नाप भूमि,राजस्व भूमि और राजाजी नेशनल पार्क की वन भूमि ऐसे में तीनो विभागों के लोग एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप कर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ ले रहे हैं ,जिससे ग्रामीणों में बेहद रोष व्याप्त है ,अवैध सड़क निर्माण के खिलाफ आंदोलन चला रहे महिपाल सिंह पयाल ने शासन प्रशासन द्वारा अवैध सड़क निर्माण को नहीं रुकवाने और अवैध सड़क निर्माण से ग्रामीणों की नाप भूमि और पेड पौधों को हुए नुकसान की भरपाई न होने पर बड़ा जनांदोलन छेड़ने की बात कही है,आपको बता दें की यह इलाका भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील भी है और वर्ष 2014 में इस क्षेत्र में आयी आपदा में भूस्ख़लन में दबकर 3 लोगों की मृत्यु भी हो गयी थी, ऐसे में शासन प्रशासन की लापरवाही और रसूखदारों से मिलीभगत की सजा ग्रामीणों को एक बार फिर भुगतनी पड़ सकती है,”जागो उत्तराखण्ड” द्वारा इस मामले को पौड़ी के जिलाधिकारी सुशील कुमार के समक्ष रखने पर उन्होंने अवैध सड़क निर्माण को रुकवाने का आश्वासन दिया है, लेकिन इस मामले के सामने आने के बाद अब उत्तराखण्ड और उत्तराखण्ड से बाहर अपने गाँव से दूर रह रहे लोगों को भी सचेत हो जाना चाहिए कि संभव है की जब अगली बार वे अपने गाँव पहुंचे तो खेत- खलिहानो पर किसी बाहरी रसूखदार का कब्ज़ा देखकर उनकी आँखें फटी न रह जायें !