सिंचाई विभाग का महाघोटाला -01
क्षतिग्रस्त नहर की सुरक्षा के नाम पर लगा दी दो करोड़ की वायर क्रेट वाल..
जागो उत्तराखण्ड एक्सक्लूसिव:
सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ सुरक्षा दीवारों के नाम पर प्रदेश में अरबों का वारा न्यारा किया जा रहा है,अभी कुछ समय पूर्व पौड़ी जनपद के पोखड़ा ब्लॉक के संगलाकोटी में जलागम विभाग की दीवार के बाहर सिंचाई विभाग द्वारा एक करोड़ से ज्यादा की लागत से बाढ़ सुरक्षा दीवार लगायी गयी,जबकि उस स्थान पर बाढ़ का कोई खतरा नहीं था,बाद में सूचना के अधिकार में जानकारी प्राप्त हुयी कि,स्थानीय निवासियों द्वारा उस स्थान पर बाढ़ सुरक्षा के लिये सिंचाई विभाग को दिया गया प्रस्ताव भी फर्जी था,इस मामले में सिंचाई मन्त्री सतपाल महाराज ने जाँच के आदेश भी दे दिये हैं,लेकिन अब बीरोंखाल ब्लॉक में जो कि संगलाकोटी की तरह एक बार फिर से सिंचाई मन्त्री महाराज की विधानसभा के ही अन्तर्गत आता है, के घोड़ियाना ग्रामसभा के डांगू मल्ला गाँव के नीचे करीब दो करोड़ चार लाख की लागत से खाटलीगाड पर सिंचाई गूल/नहर की सुरक्षा के लिये वायर क्रेट वाली दीवार बेहद घटिया गुणवत्ता के साथ लगायी जा रही है,वायर क्रेट वाली इस दीवार में बेहद लापरवाही से पत्थर भरे गये हैं,जिससे ये आड़ी-तिरछी दीवार गूल/नहर पर ही गिरकर उसको और ज्यादा क्षतिग्रस्त कर दे इसमें कोई सन्देह नहीं है,जबकि जिस सिंचाई गूल/नहर की सुरक्षा के लिये वायर क्रेट वाली दीवार लगायी जा रही है,उसके हेड पर भी कोई बाढ़ सुरक्षा का कोई काम नहीं किया गया है और सिंचाई विभाग की गूल/नहर का तल और दीवार तक क्षतिग्रस्त हो चुका है,लेकिन बाढ़ सुरक्षा दीवार पर करोड़ों खर्च करने वाले सिंचाई विभाग को सिंचाई गूल/नहर को मरम्मत कर पानी को खेतों तक पहुँचाने की जरूरत तक महसूस नहीं हुयी!जिसमें बहुत मामूली सी धनराशि खर्च होनी थी,जिससे स्पष्ठ है कि सिंचाई विभाग सिर्फ पैसा ठिकाने की नीयत से काम कर रहा है,इस मामले में विभागीय पक्ष जानने के लिये जब “जागो उत्तराखण्ड” ने अधिशाषी अभियन्ता और अधीक्षण अभियन्ता से सम्पर्क किया,तो दोनों अपना बचाव करते हुये गेंद एक दूसरे के पाले में फेंक कर कुछ भी कहने से बच रहे हैं, जिससे ये दाल पूरी काली नजऱ आती है.. क्रमशः..
https://youtu.be/XmG3zlULxMg
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