क्या पौड़ी पुलिस श्रीनगर थाने में तैनात यौन शोषण के आरोपी एसआई अजय कुमार को बचाने का कर रही है प्रयास?..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
मूल रूप से रुद्रप्रयाग और वर्तमान में श्रीनगर के श्रीकोट इलाके में रहने वाली एक महिला ने एसएसपी पौड़ी को पत्र भेजकर पौड़ी पुलिस के एसआई अजय कुमार द्वारा ख़ुद के साथ किये गये यौनशोषण पर इंसाफ माँगा है।महिला ने पत्र में लिखा है कि अपने साथ हुए यौन शोषण के मामले में वो जब श्रीनगर थाने में तैनात एसआई अजय कुमार के बुलाने पर उनके पास बयान दर्ज कराने गयी तो एसआई ने इंसाफ दिलाने के बजाय उनका यौन शोषण कर डाला।इसकी शिकायत उनके द्वारा अप्रैल 2024 में उत्तराखण्ड के डीजीपी से तक की गई,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।महिला ने बताया कि उसके दोस्त ने शादी का झांसा देकर उनके साथ यौन शोषण किया, जिस संबंध में शिकायत लेकर पिछले साल 2023 में अगस्त माह में वह श्रीनगर महिला थाने गई,मामले की जाँच एक महिला पुलिसकर्मी कर रही थी,लेकिन कुछ दिन बाद एक एसआई का फोन आया और उसने महिला को बताया कि मामले की जाँच अब से वह करेंगे,वह एसआई अजय कुमार था।महिला ने पत्र में आगे लिखा है कि एसआई अजय कुमार ने उन्हें बयान देने के लिए अपने कमरे में बुलाया,जो थाने के ठीक सामने था। उसके बाद एसआई ने तीन-चार दिन लगातार उसे मामले में समझौता करने के लिये वॉयस कॉल पर समझाया। एक दिन महिला को एसआई अजय कुमार ने कोचिंग सेंटर में बुलाया और कहा कि दोस्ती में यह सब चलता है जो तुम्हारे साथ हुआ है यही सबके साथ होता है।महिला ने यह भी आरोप लगाए कि जब भी उसे बयान देने के लिए बुलाया जाता था,तो एसआई अजय कुमार उसे अपने कमरे में रात को 11:00 के बाद ही बुलाता था,साथ ही वहां कोई महिला पुलिसकर्मी भी नहीं रहती थी।पत्र में आगे महिला ने आरोप लगाया कि एसआई अजय कुमार ने उसे एक बार बुलाकर जबरदस्ती गाड़ी में बैठा लिया और श्रीकोट ले गया,जहां पर उसने महिला से जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए और महिला को कहा कि तुम्हारी बदनामी होगी इसलिए समझौता कर चुप हो जाओ।एसआई अजय कुमार ने यह भी कहा कि तू अच्छी लड़की है मैं खुद तुझसे शादी करूंगा और यह कहकर उसने उसका शारीरिक शोषण करने वाले पूर्व मित्र के साथ होटल के एक कमरे में समझौता करा दिया।उसके बाद महिला और एसआई की लंबे समय तक वीडियो कॉल पर बातें होती रही,एसआई द्वारा ख़ुद का शरीर दिखाकर,महिला से कपड़े उतारकर फ़ोन सेक्स करने को भी बोला जाता था।महिला ने आरोप लगाया है कि एसआई अजय कुमार ने उसको न्याय दिलाने की बजाय शादी का झांसा देकर उल्टा उनका शारीरिक शोषण ही किया है।महिला ने बताया कि उन्होंने अप्रैल 2024 माह में इस पूरे मामले की शिकायत,डीजीपी उत्तराखण्ड अभिनव कुमार से भी की है,लेकिन मामला पुलिस से जुड़ा होने के कारण सीओ स्तर के पुलिस अधिकारियों द्वारा उनपर एसआई अजय कुमार का नाम न लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।महिला ने पौड़ी पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्हें न्याय दिलाने के बजाय पौड़ी पुलिस द्वारा उन्हें डराया जा रहा है। महिला ने अब एसएसपी पौड़ी लोकेश्वर सिंह से न्याय की उम्मीद से गुहार लगाई है।देखना होगा कि इस पूरे मामले में क्या पौड़ी पुलिस मामला खुद से जुड़ा होने पर ईमानदारी से कार्रवाई करती है या नहीं ?पौड़ी पुलिस का पक्ष जानने के लिए जब जागो उत्तराखंड ने एसएसपी पौड़ी लोकेश्वर सिंह से बातचीत की तो उन्होंने जाँच सीओ सदर को सौंपने की बात कह कर जाँच के उपरान्त आयी विवेचना के हिसाब से कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।उधर जागो उत्तराखण्ड को पता चला है कि आरोपी एसआई ने भी महिला/गैंग के ख़िलाफ़ क्रॉस एफआईआर दर्ज कराते हुये ख़ुद को किसी गैंग द्वारा फंसाने की बात कही है।आपको बता दें कि एसआई अजय कुमार पूर्व में वर्ष 2021 में खिर्सू में हुये डिप्टी रेंजर उदय जोशी संदिग्ध मौत,जिसे आत्महत्या बताया गया में भी जाँच अधिकारी था,तब भी उसपर दिवंगत रेंजर के परिजनों ने हत्याआरोपी स्थानीय भाजपा नेता के भाई को बचाने के लिये जाँच को रफा-दफा कर मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाकर मामले की फ़ाइल बन्द करने के आरोप लगाये थे।अजय कुमार पिछले कई सालों से पौड़ी मुख्यालय के आसपास की थाना पौड़ी की पॉबो चौकी और थाना श्रीनगर की श्रीकोट चौकी में चौकी इन्चार्ज के रूप में तैनात रहा है,जँहा से उसके ख़िलाफ़ कई शिकायतें जागो उत्तराखंड को प्राप्त हो रही है,जिसकी जागो उत्तराखंड द्वारा भी पड़ताल की जा रही है।फिलहाल जिस तरह से पौड़ी पुलिस ने डीजीपी स्तर तक पहुँची महिला की कई महीने पुरानी शिकायत पर अभी तक आरोपी एसआई अजय कुमार पर एफआईआर तक दर्ज नहीं की है और अब आरोपी एसआई द्वारा महिला/गैंग के खिलाफ क्रॉस एफआईआर की जाँच की बात कह रही है,उससे तो यही लगता है कि अजय कुमार की किसी राजनीतिक पहुँच और उच्चाधिकारियों के दबाव के चलते उसके इरादे एसआई अजय कुमार पर लगे आरोपों को रफा-दफा करने के ही हैं।