कमलेश जोशी बने पौड़ी जिला अस्पताल के लिये भागीरथ..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
एक जागरूक नागरिक क्या नहीं कर सकता! जी हां अगर जनता जागरूक हो तो उसके साथ अन्याय नहीं हो सकता,बस शर्त यह है कि एक भी नागरिक एक बार मजबूती से समस्या के समाधान के लिए कमर कस के खड़ा हो जाए, मामला पौड़ी जिला अस्पताल का है,जहां लगभग साल भर से अस्पताल में पेयजल सप्लाई की किल्लत बनी हुई थी और समय-समय पर “जागो उत्तराखण्ड”द्वारा अस्पताल के सीएमएस डॉ राणा और जल संस्थान के अधिशासी अभियंता सत्येंद्र कुमार गुप्ता से भी इस बारे में संपर्क किया गया और थोड़ा बहुत समाधान भी होता रहा,लेकिन आज सुबह जब घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज में कार्यरत कमलेश जोशी जी ने “जागो उत्तराखण्ड”से संपर्क किया कि अस्पताल में पानी की दिक्कत है तो “जागो उत्तराखण्ड” ने कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुये,साज-सफाई के लिये पानी की आवश्यकता के महत्व को समझते हुये तुरन्त अस्पताल का रुख किया,उसके बाद सबसे पहले जल संस्थान से संपर्क किया गया जहां पर अधिशासी अभियंता सत्येंद्र कुमार गुप्ता से मिलने पौड़ी के अन्य दो जागरूक नागरिक कुसुम चमोली और राकेश गौड़ भी समस्या के समाधान के लिये आवाज़ उठाने आ पहुंचे,तत्काल अस्पताल के टैंक और सप्लाई लाइन को चेक करने के लिए जल संस्थान के जूनियर इंजीनियर औऱ फिटर्स की टीम मौके पर भेजी गई,बहुत खोजबीन करने के बाद पता चला कि लाइन के अंदर कुछ लोहे के टुकड़े और कबाड़ भरा हुआ था,जिसकी वजह से पानी प्रॉपर सप्लाई नहीं हो पा रहा था,पौड़ी के जागरूक नागरिक कमलेश जोशी जी की पहल पर आखिरकार जिला अस्पताल में साल भर के बाद प्रॉपर पानी की सप्लाई बहाल हो गई,यह उदाहरण है कि कैसे एक जागरूक नागरिक द्वारा जनसमस्या को उठाने और पूरे दिन भर इस समस्या के समाधान के लिये प्रयास करने से अब जिला अस्पताल पौड़ी पहुँचने वाले हर मरीज़ को राहत मिलेगी, ऐसा ही हम सब अपने इलाक़े की जटिल समस्याओं के समाधान के लिये भी कर सकते हैं, याद रखें गंगा में डुबकी तो कोई भी लगा सकता है,मगर भागीरथ एक ही होता है जो सभी को पार लगा जाता है!