टेक पर अटका भारतीय स्टेट बैंक…
जागो ब्यूरो एक्सक्लूसिव
पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधायें तो खराब हैं ही,बैंकिंग जैसी महत्वपूर्ण जनसुविधा भी ख़स्ताहाल है,भारतीय स्टेट बैंक ने कई दशकों पहले उत्तराखण्ड के दूर दराज़ इलाकों में बैंक की शाखाएं तो खोली,लेकिन उसके बाद बैंक के उच्च अधिकारियों ने कभी यह जानने की कोशिश नहीं की,कि जिन भवनों में बैंक की शाखा खोली गयी,अब वे भवन शाखा संचालित करने लायक रहे भी कि नहीं?ऐसे ही भारतीय स्टेट बैंक की शाखा है पौड़ी जनपद के यमकेश्वर विकासखंड के अन्तर्गत द्वारीखाल में,जँहा बैंक की शाखा की छत एक लोहे के पिलर की टेक पर अटकी है,शाखा में दीवारों और छत से पानी टपक रहा है,लेकिन स्टेट बैंक के उच्चाधिकारी राजधानी देहरादून में बेफिक्र होकर शायद किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं
,इस शाखा में लगभग 12,000 खाताधारक हैं और इसके अतिरिक्त आधा दर्जन से ज्यादा स्टेट बैंक के कर्मचारी भी यंहा पर काम काम रहे हैं,इस पुराने भवन का किराया बहुत ही कम होगा शायद इसी लालच में बैंक के उच्चाधिकारियों ने अब तक इस जर्जर भवन का मोह नहीं छोड़ा,”जागो उत्तराखण्ड” को उम्मीद है कि इस रिपोर्ट को देखने के बाद स्टेट बैंक के उच्चाधिकारी नींद से जागेंगे और बैंक को अन्यत्र शिफ्ट करने के बारे में गम्भीरता से विचार करेंगे,जिससे समय रहते अनमोल प्राणों की रक्षा हो सके।