शिव को नरक में रखने वाले ताण्डव के लिये रहें तैयार..
भोलेनाथ अपने नाम के अनुरूप बहुत भोले हैं, इसी भोलेपन का फ़ायदा उठाकर दानव भस्मासुर उनसे किसी के भी सर पर हाथ रख उसे भस्म करने का अवतार ले गया और उसका दुस्साहस देखिये शिव को ही भस्म करने चला और अंततः खुद ही हो गया भस्म,शायद आज का मानव भी भस्मासुर बन चुका है,इसलिए एक दिन उसका भी सर्वनाश निश्चित है,ऐसा ही कुछ हो रहा धर्मनगरी ऋषिकेश में,यंहा से यात्रा शुरू कर हर वर्ष लाखों श्रद्धालु बाबा केदार के दर पर मत्था टेकने पहुँचते हैं औऱ अब से कुछ दिन बाद लाखों शिवभक्त कांवड़ लेकर नीलकण्ठ महादेव भोले का जलाभिषेक करने के लिये भी पहुंचेंगे,लेकिन इसी नगरी में शिव का ऐसा अपमान हो रहा है कि ख़ुद के हिन्दू होने पर भी शर्म आती है,दरअसल यंहा पर नटराज चौक से मुनि की रेती की ओर जाने वाले बाईपास पर भोलेनाथ की एक मूर्ति सड़क के किनारे कूड़ा निस्तारण स्थल के बिल्कुल सटा कर स्थापित की गयी है,ये पता नहीं कि ये मूर्ति कब और किसने यँहा स्थापित की, लेकिन कूड़े की सडांध और गन्दगी के नरक के बीच इसको स्थापित किया जाना हम सभी पर सवाल खड़ा करता है कि हम भोलेनाथ के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं, इसी जगह के आसपास कई विश्वविख्यात आश्रम भी स्थापित है व हिन्दुओ के मठ मन्दिर भी स्थापित हैं और तथाकथित योग और धर्म के ठेकेदार भी निवास कर रहे हैं, लेकिन सबने अपनी आँखें इस महापाप पर मूँदी हुयी हैं, इससे पहले कि शान्त शिव कुपित होकर अपना त्रिनेत्र खोल 2013 केदार आपदा जैसा ताण्डव करें ,बेहतर है कि भोलेनाथ की इस मूर्ति को किसी रमणीक स्थान पर ससम्मान स्थापित कर दिया जाये या कूड़ा निस्तारण स्थल को ही यंहा से अन्यत्र शिफ़्ट कर दिया जाये।