देहरादून । देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन, मेकिंग ए डिफ्फेरेंस बाय बीइंग द डिफ्फेरेंस (मैड) संस्था द्वारा तरला नागल क्षेत्र मे सोमवार को वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। कोरोना के प्रकोप को ध्यान मे रखते हुए मैड संस्था के 10 सदस्य ही इस अभियान मे शामिल हुए और सोशल डिस्टेंस एवं मास्क का प्रयोग करते हुए वृक्षारोपण कार्यक्रम को पूर्ण किया गया।
तरला नागल क्षेत्र मे एम.डी.डी.ए द्वारा सिटी पार्क बनने की तैयारी मे है परंतु क्योंकि तरला नागल एक वन क्षेत्र है, सिटी पार्क बनाने से वहाँ के वन्य जीव एवं वहाँ के वातावरण को भारी क्षति पहुंच सकती हैं। वन विभाग द्वारा मैड को इस कार्यक्रम मे पूर्ण सहयोग मिला और वन विभाग द्वारा दिये गए 15 पौधे वहाँ रोपित किये गए। मैड संस्था विगत 9 साल से रिस्पना एवं बिंदाल नदियों को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है और वृक्षारोपण इसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कोरोना महामारी के चलते संस्था ने अधिक सदस्यों को एक साथ ना एकत्रित करते हुये अपने कुछ सदस्यों के साथ यह कार्यक्रम आयोजित किया। सभी सदस्य करीब 7रू15 बजे निर्धारित स्थान पर पहुँचे और वन विभाग की सहायता से वृक्ष रोपित किये। इस बीच मैड संस्था के सदस्य सोशल डिस्टेंस का सक्त पालन करते रहे। मैड संस्था की मुख्य मांग रही है कि राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रूड़की की उस शोध रिपोर्ट को लागू किया जाए जिसमे रिस्पना पुनर्जीवन का एक बुनियादी खाका खींचा गया है। इसके साथ साथ मैड यह भी मांग करता आया है कि रिस्पना नदी के पुनर्जीवन को नमामि गंगे के तहत लिया जाए क्योंकि रिस्पना एवं बिंदाल को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गंगा बेसिन में घोषित किया जा चुका है। इस अभियान में संस्था की ओर से आदर्श त्रिपाठी, आर्ची बिष्ट, दारिश मलिक, चेतना भट्ट, अवी, इंदर बिष्ट, आयुषी और सौरभ डंडरियाल मौजूद रहे।