रुड़की । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के संस्कृत क्लब ने गैर-लाभकारी संस्था संस्कृत भारती (वेबसाइटरू ेंउेातपजंइींतंजप.पद) के सहयोग से विश्वव्यापी 15 दिवसीय ऑनलाइन स्पोकन संस्कृत कैंप आयोजित किया। श्सुभाषितम संस्कृतम्श् नामक अपनी तरह के इस अनूठे कार्यक्रम में देश और विदेश के 4800 से अधिक भाषा के उत्साही लोगों ने हिस्सा लिया। इस 15 दिवसीय ऑनलाइन स्पोकन संस्कृत कैंप के बाद संस्कृत में चार एडवांस कोर्स भी आयोजित की जाएंगी। इस आयोजन का उद्देश्य युवा पीढ़ी के बीच संस्कृत भाषा के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना था।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत चतुर्वेदी ने कहा कि, “संस्कृत दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है। साइंस, एस्ट्रोनॉमी, मेडिसिन और डिप्लोमेसी जैसे विषयों में संस्कृत साहित्य में छिपे ज्ञान के मोती की खोजने की आवश्यकता है।“ संस्कृत भारती के टीचर ट्रेनिंग के प्रमुख डॉ. एचआर विश्वासा ने संस्कृत में उद्घाटन भाषण दिया, जिसने भारतीय संस्कृति में भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। संस्कृत भारती के टीचर ट्रेनिंग के प्रमुख डॉ. एचआर विश्वासा ने कहा कि, “संस्कृत की विशिष्टता मूल शब्दांशों से शब्दों की व्युत्पत्ति और उत्कृष्ट व्याकरणिक संरचना से है। प्राचीन काल से ही यह अपने 36 व्यंजन और 16 स्वरों के उच्चारण में किसी भी परिवर्तन के बिना अपने प्राचीन रूप में मौजूद है। ‘संभाषण’ (वार्तालाप) संस्कृत को पुनर्जीवित करने और युवा पीढ़ी को इसके महत्व से अवगत कराने की दिशा में पहला कदम है।”
उद्घाटन सत्र के बाद एक ऑनलाइन सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें संस्कृत के विशेषज्ञों ने सौहार्दपूर्ण और आकर्षक तरीके से भाषा के मूलभूत पहलुओं के बारे में बताया।