आनंदम् पाठ्यचर्या में कहानी की भूमिका पर हुई ऑनलाइन बेबिनार!
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
आजकल की व्यस्ततम दिनचर्या और कार्य की अधिकता में हर व्यक्ति तनाव और अवसाद की ओर बहुत तेजी से बढ़ रहा है,आनंदम् पाठ्यचर्या तनाव और अवसाद से दूर ले जाने का एक सफल प्रयास है, जो कि उत्तराखंड राज्य के कक्षा 1 से 8वीं तक के सभी सरकारी विद्यालयों में नवम्बर 2019 में शुरू किया गया था,इस वर्ष पाठ्यचर्या के पाठ्यक्रम में विस्तार करते हुये कक्षानुसार 4, 5 एवं 8 हेतु शिक्षक संदर्शिका का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है|
इसी क्रम में दिनांक 8 जुलाई 2021 को आनंदम् के पदाधिकारियों ने गूगल मीट से जुड़कर, पाठ्यचर्या में कहानी कि उपयोगिता एवं संदर्शिका में किस प्रकार कि कहानियाँ होंगी, पर पौड़ी जनपद के संदर्शिका निर्माण में योगदान दे रहे शिक्षक साथियों से संवाद किया| जिसकी शुरुआत मस्तिष्क को स्वस्थ एवं शांत रखा जाए इसके तहत सांसो पर ध्यान देने की प्रक्रिया माइंडफुल ब्रीदिंग द्वारा आती-जाती सांसों पर ध्यान केंद्रित करवाकर किया।
तत्पश्चात आनंदम् की कक्षा में कैसे कहानी के माध्यम से एक परिवेश निर्माण हों जिसमें विद्यार्थियों को खुद अनुभव करने का अवसर मिले, कहानी का उद्देश्य क्या हो, किन बिंदुओं के इर्द-गिर्द वह कहानी रखी जाय्, इन सब बातों को ध्यान में रखने के लिए सभी शिक्षकों के साथ विस्तृत परिचर्चा की गयी व सभी शिक्षकों के ऊर्जावान विचारों को भी आमंत्रित किया गया। जिसमें कुछ नए विचारों को भी सम्मिलित किया गया ,और कहा कि कहानी कैसे छात्रों को बांधने, सोचने और चिंतन के लिए प्रेरित करती है।इस गूगल मीट की परिचर्चा में डाइट चड़ीगाँव जनपद पौड़ी गढ़वाल के प्राचार्य डॉ०महावीर सिंह कलेठा, एससीई आरटी से आनंदम् पाठ्यचर्या के नोडल अधिकारी डॉ०बी०पी० मैंदोली, डाइट चढ़ीगाँव जनपद पौड़ी गढ़वाल से आनंदम् के जनपदीय समन्वयक प्रवक्ता जगमोहन सिंह कठैत, लभ्या फाउंडेशन से श्री प्रणय कुमार, ब्लू ओर्ब से श्री मोहित सिंह, ड्रीम ए ड्रीम से श्री पवन चतुर्वेदी एवं सुश्री सिमरत कौर जी ने कहा की सभी शिक्षक इन कहानियों को अपने विद्यालय परिसर तक पहुंचा कर विद्यार्थियों को खुद से अनुभव करते हुये परिवार से, समाज से एवं प्रकृति से जुडने का एक अवसर प्रदान करवाते हुये विद्यालय को आनंदालय वातावरण में बदल सकते हैं। और यह वातावरण समाज को एक संवेदनशील व्यक्ति देने में सहायक सिद्ध होगा।