पौड़ी को मूलभूत सुविधाओं के लिये भी “घसीटता” डबल इन्जन-नवल किशोर,काँग्रेस
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
उत्तराखण्ड में प्रदेश सरकार व भाजपा के प्रतिनिधि हर गाँव-शहर जाकर विकास के हवाई दावे कर रहे हैं,लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है!प्रदेश सरकार के चार साल पूरे होने को हैं और विकास के नाम पर सिर्फ ढोल पीटे जा रहे हैं,गढ़वाल मण्डल मुख्यालय के दिल पौड़ी विधान सभा से काँग्रेस के पूर्व प्रत्याशी नवल किशोर ने प्रदेश सरकार पर पौड़ी की दुर्दशा पर हमला करते हुये कहा है कि हालाँकि पौड़ी जनपद मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का गृह जनपद है लेक़िन गढ़वाल कमिश्नरी पौड़ी नगर क्षेत्र में ही सड़कों में इतने गड्ढे हैं कि ग्रामीण क्षेत्रो में हालातों की कल्पना करना मुश्किल नहीं है,उन्होंने “जागो उत्तराखण्ड” को बताया कि विधानसभा के पौड़ी,कोट और कल्जीखाल ब्लॉकों के गाँवों में सड़क,शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं की दिशा में चारों तरफ बड़ा सा शून्य ही नजर आ रहा है।स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो जिला मुख्यालय पौड़ी का अस्पताल पीपीपी मोड में महन्त इंद्रेश अस्पताल के हवाले किया जा चुका है,इससे गरीब आदमी का सस्ते-सुलभ इलाज का हक मारा जायेगा!इस अस्पताल की लापरवाह और गरीबों का शोषण करने के ट्रैक रिकॉर्ड से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये पौड़ी की ग़रीब जनता से भविष्य में कैसा सलूक करने वाले हैं!उन्होंने कहा कि इसके अलावा काँग्रेस के कार्यकाल में स्वीकृत पौड़ी के राजकीय पॉलीटेक्निक को बंद किया जा रहा है,जबकि काँग्रेस सरकार के कार्यकाल ने पौड़ी पाॅलिटैक्निक के लिए शहर के भीतर ही निशुल्क भूमि भी मुहैय्या करवा दी गयी थी और इसके परिसर निर्माण के लिए बजट तक स्वीकृत करवा दिया गया था, पौड़ी ब्लाक के अन्तर्गत इडवालस्यूं पट्टी को जोड़ने वाली सत्याखाल-देहलचौरी मोटर मार्ग की दुर्दशा क्षेत्र के लोगों के लिए जान का जोखिम बनी हुयी है,साथ ही कफोलस्यूं,असवालस्यूं के साथ ही कोट ब्लाक की अधिकांश सड़कों की स्थिति बदहाल बनी हुयी है,उन्होंने स्थानीय विधायक मुकेश सिंह कोली पर हमला करते हुये कहा कि हवा में बात करने से कुछ नहीं होगा! ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा मूलभूत सुविधायें उपलब्ध न करवा पाने से जनता बुरी तरह से त्रस्त है,वे ये आरोप पौड़ी विधानसभा के अधिकांश क्षेत्रों का भ्रमण कर लगा रहे हैं, स्थानीय लोगों का कहना है कि छोटी-छोटी समस्याओं के निदान के लिए भाजपा के जन प्रतिनिधियों से लेकर सरकार तक गुहार लगाई गयी,लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है,शायद उत्तराखण्ड की डबल इन्जन सरकार चार साल बाद भी पिछले विधानसभा चुनाव में सत्तावन विधायकों की जीत के नशे में है!