लोनिवि के संविदा कनिष्ठ अभियंता नियमितिकरण की माँग पर कार्यवाही न होने पर छेड़ेंगे आन्दोलन!..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
लोनिवि संविदा कनिष्ठ अभियन्ता संगठन के जिला पौड़ी के अध्यक्ष हरीश वर्मा ने बताया कि,लोनिवि के संविदा कनिष्ठ अभियंताओं ने विभाग के प्रमुख अभियंता और विभागाध्यक्ष को ज्ञापन प्रेषित कर निवेदन किया है कि वर्तमान में लोक निर्माण विभाग में कुल 303 कनिष्ठ अभियंता संविदा के पद पर कार्यरत हैं, जो पूर्ण निष्ठा व लगन के साथ दिन रात दैवीय आपदा ,वर्षाकाल अथवा कोविड-19 जैसे हालातों में भी राज्य के लगभग सभी निर्माण खंडों में कार्य कर रहे हैं।
अपने राज्य के प्रति प्रेम व निष्ठा रखने के कारण ही नौकरी हेतु राज्य से बाहर पलायन ना करने का निर्णय लेकर इन्होंने बहुत ही अल्प वेतन में दुर्गम क्षेत्रों में रहकर राज्य की सेवा करना चुना था। इनके कार्य की प्रकृति ऐसी है कि इन्हें चौबीसों घंटे मुस्तैद रहना पड़ता है व दूरस्थ क्षेत्रों में कभी भी जाना पड़ता है,जिसके लिये ये हमेशा तैयार रहते हैं।विगत आठ दस वर्षों में इनके द्वारा हजारों सड़कों, पुलों एवं भवनों का निर्माण व अनुरक्षण कार्य का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है, इन्होंने अपनी युवावस्था, अपने जीवन का स्वर्णिम महत्वपूर्ण समय राज्य के विकास कार्यों को पूर्ण करने में ही बिताया है।संविदा कनिष्ठ अभियंताओं का कहना है कि उन्हे ज्ञात है कि उनके कंधों पर राज्य के विकास कार्यों का भार है इसी कारण से वर्तमान समय तक उन्होंने कभी भी हड़ताल अथवा वे आंदोलन के पक्ष में नहीं रहे एवं ज्ञापन देकर अथवा प्रार्थना पत्र के द्वारा ही अपनी समस्याओं से प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष अथवा उच्च अधिकारियों व मंत्री महोदयो को अवगत कराते रहे हैं।परंतु आज उन्हें वर्तमान में जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, वह उनके लिए बहुत दुखद है।उन्हें सात-आठ माह बाद वेतन आहरित किया जाता है।आपदा के समय कार्य में दुर्घटनाग्रस्त होने पर उन्हें कोई मेडिकल क्लेम भी नहीं दिया जाता है।इनका वेतन विभाग द्वारा वर्ल्ड बैंक में अल्पकाल के लिए रखे गए कनिष्ठ अभियंताओ के वेतन (लगभग 40000 रुपए ) से भी बहुत कम है , जिनका अनुभव मात्र दो तीन वर्ष है। इतने कम वेतन में और वह वेतन भी जब सात आठ माह बाद आहरित किया जाता है तो आप कल्पना करें कि ये कनिष्ठ अभियंता अपने परिवार का पालन पोषण किस तरह से कर रहे होंगे। वर्तमान में सभी मानसिक रूप से एवम आर्थिक रूप से पूरी तरह से टूट चुके हैं।इनकी हालत बहुत दयनीय एवं भविष्य पूर्णत: अंधकारमय है।अभियंताओं ने अनुरोध किया है कि उनके द्वारा पूर्व में अपनी समस्याओं को प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष के समक्ष कई बार रखा गया है। मुख्यमंत्री को भी इसी वर्ष में 9 जनवरी, 3 अगस्त एवं 20 सितंबर 2021 में भेट कर एवम लोक निर्माण विभाग मंत्री को भी इसी वर्ष के 03 अगस्त एवम 18 सितंबर मे ज्ञापन देकर इनके द्वारा अपनी समस्याओं को उनके सम्मुख रखा गया था,परंतु उनका कोई अभी तक सकारात्मक परिणाम नहीं आया है।संविदा कनिष्ठ अभियंताओं ने प्रार्थना की हैं कि उनके वर्तमान दयनीय हालत व अंधकारमय भविष्य को गंभीरता से लेते हुए, शासन एवम प्रशासन द्वारा यदि लिखित रूप से अगर 10 नवम्बर 2021 तक उनके नियमितीकरण हेतु कोई भी सकारात्मक कदम नही उठाया जाता हैं, तो वे निराश होकर संवैधानिक रूप से कदम उठाने हेतु बाध्य होंगे।