उत्तराखण्ड राज्यनिर्माण और लोकसंस्कृति उन्नयन में लोकगायक हीरा सिंह राणा द्वारा दिये गये अनमोल योगदान का कर्ज सरकारें करें अदा..

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उत्तराखण्ड राज्यनिर्माण और लोकसंस्कृति उन्नयन में लोकगायक हीरा सिंह राणा द्वारा दिये गये अनमोल योगदान का कर्ज सरकारें करें अदा..

जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

उत्तराखण्ड के लोकगायक हीरा सिंह राणा के निधन पर राज नेताओं, संस्कृतिकर्मियों, साहित्यकारों, पत्रकारों और उत्तराखण्ड राज्य से जुडे कई गणमान्य लोगों ने अपनी संवेदना व्यक्त की है।उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमन्त्री और बीजेपी नेता विजय बहुगुणा ने हीरा सिंह राणा के निधन पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि हीरा सिंह राणा के निधन से उत्तराखण्ड ने साहित्य और कला जगत के एक सच्चे हीरे को खो दिया है

बहुगुणा ने कहा कि हीरा सिंह राणा के गीत चिरंजीवी रहें,इसके लिए जरूरी है कि उनके गीतों को उत्तराखण्ड के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।पूर्व मुख्यमन्त्री बहुगुणा ने कहा कि इसके लिए वो मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बातचीत करेंगे।

उत्तराखण्ड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डाक्टर इन्दिरा हृदयेश ने कहा कि हीरा सिंह राणा सही मायनों में धरती के गीतकार थे,उनका निधन साहित्य,कला और संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।उत्तराखण्ड काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने उत्तराखण्ड आन्दोलन में हीरा सिंह राणा के गीतों को याद करते हुए कहा कि राणा जी के गीत उत्तराखण्ड आन्दोलन में खूब गाये और सुनाए जाते थे,उत्तराखण्ड की सुप्रसिद्ध लोकगायिका पद्मश्री बसंती बिष्ट ने लोकगायक हीरा सिंह राणा को कुमाऊंनी और गढ़वाली का एक विशिष्ट रचनाकार बताते हुए कहा कि हीरा सिंह राणा गीतों की रचना करने और उन्हें स्वंय गाने वाले अद्भुत कलाकार थे। उत्तराखण्ड के प्रख्यात लोकगायक-जनकवि नरेंद्र सिंह नेगी ने हीरा सिंह राणा को कुमाऊँ नी भाषा का प्रतिनिधि कवि,गीतकार और गायक बताते हुए कहा कि उन्होंने राणा जी के साथ देश-विदेश में लगभग सौ से ज्यादा सांस्कृतिक कार्यक्रम किए हैं।

वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार प्रदीप वेदवाल ने हीरा सिंह राणा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हीरा सिंह राणा के जनगीत उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में आंदोलनकारियों में ऊर्जा और जोश का संचार करते थे। वहीं प्रकृति प्रेम और नारी सौंदर्य का वर्णन करने में हीरा सिंह राणा की कलम सशक्त थी।

श्रद्धांजलि सभा का संयोजन चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति के संरक्षक और पूर्व राज्यमन्त्री उत्तराखण्ड धीरेंद्र प्रताप ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये किया। इस मौके पर धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि लोकगायक हीरा सिंह राणा की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए उत्तराखण्ड में किसी योजना,सड़क और संस्थान का नाम हीरा सिंह राणा के नाम पर रखा जाना चाहिए।उन्होंने दिल्ली सरकार और उत्तराखण्ड सरकार से हीरा सिंह राणा के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने और हीरा सिंह राणा के पुत्र को सरकारी सेवा में नियुक्ति देने की भी मांग की है। श्रद्धांजलि सभा में उत्तराखण्ड के लोकगायक पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, गायिका संगीता ढौंडियाल, उक्रांद नेता काशी सिंह ऐरी, कांग्रेस के राष्ट्रीय संयुक्त-सचिव हरिपाल रावत, उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष रणजीत रावत, अल्मोड़ा से उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पी.सी. तिवारी, कोटद्वार से दैनिक जयंत के सम्पादक नागेंद्र उनियाल,चम्पावत से नवीन मुरारी, ऊधमसिंह नगर से कैलाश पंडित,किच्छा से अनिल जोशी, उत्तरकाशी से डाॅक्टर विजेंद्र शाह, दिल्ली से नंदन सिंह रावत, संगीता ध्यानी और मनमोहन शाह ने दिवंगत हीरा सिंह राणा को श्रद्धांजलि दी।

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