सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 पर योग को प्राकृतिक चिकित्सा और देवभूमि उत्तराखण्ड के शुद्ध वातावरण से जोड़कर ग्रामीण स्वरोजगार को बढ़ावा देने का आह्वान..

0
332

सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 पर योग को प्राकृतिक चिकित्सा और देवभूमि उत्तराखण्ड के शुद्ध वातावरण से जोड़कर ग्रामीण स्वरोजगार को बढ़ावा देने का आह्वान..
भाष्कर द्विवेदी,जागो ब्यूरो पौड़ी

आज समूची दुनिया में सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को धूमधाम से मनाया गया और उत्तराखण्ड में भी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देहरादून में सामूहिक रूप से इस योग दिवस पर समस्त राज्यवासियों को योग करने और स्वस्थ रहने का संदेश दिया,हम “जागो उत्तराखण्ड” परिवार की ओर से आप सबको भी सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं और आप सभी को संदेश देते हैं कि आप भी योग करें और निरोग रहें ,आज के योग दिवस पर योगनगरी ऋषिकेश और पौड़ी जनपद की यमकेश्वर विधानसभा से योग दिवस पर उत्तराखण्ड राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में योग को प्राकृतिक चिकित्सा और स्वरोजगार योजना से जोड़ने का आह्वान किया गया है, कर्मठ भूतपूर्व सैनिक और वर्तमान में क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट ने अपने इस वीडियो संदेश के माध्यम से और हम “जागो उत्तराखंड स्वायत्त सहकारिता संघ” पौड़ी गढ़वाल के माध्यम से पूर्व में भी हमारे राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के गाँवों को अदभुत आइसोलेशन सेंटर्स के रूप में विकसित करने और पहाड़ी उत्पादों के काश्तकारों एवं बेरोजगार युवाओं को ग्रामीण स्वरोजगार से जोड़ने हेतु सरकार को अवगत करवाते आ रहे हैं और अब इस वीडियो संदेश के माध्यम से पुनःअपने सभी जनप्रतिनिधियों और पहाड़ी क्षेत्रों के विधायकों से निवेदन करते हैं कि आप भी इस तरह के कार्यक्रम और नवाचार सम्बंधित योजनाओं को धरातल पर उतारने हेतु सहयोगी बनें,आइये जानें प्राकृतिक चिकित्सा नेचुरोपैथी (Naturopathy)एक वैकल्पिक चिकित्सा-पद्धति एवं दर्शन है जिसमें प्राकृतिक,स्व-चिकित्सा(self-healing)अनाक्रामक(non-invasive) आदि कही जाने वाली प्राकृतिक रूप से वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग होता है। प्राकृतिक चिकित्सा का दर्शन इसके अन्तर्गत रोगों का उपचार व स्वास्थ्य-लाभ का आधार है- ‘रोगाणुओं से लड़ने की शरीर की स्वाभाविक शक्ति’,प्राकृतिक चिकित्सा के अन्तर्गत अनेक पद्धतियां हैं जैसे-जल चिकित्सा, होमियोपैथी,सूर्य चिकित्सा,एक्यूपंक्चर,एक्यूप्रेशर, मृदा चिकित्सा आदि प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचलन में आती हैं,प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली चिकित्सा की एक रचनात्मक विधि है,जिसका लक्ष्य प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तत्त्वों के उचित इस्तेमाल द्वारा रोग का मूल कारण समाप्त करना है,यह न केवल एक चिकित्सा पद्धति है बल्कि मानव शरीर में उपस्थित आंतरिक महत्त्वपूर्ण शक्तियों या प्राकृतिक तत्त्वों के अनुरूप एक जीवन-शैली है,यह जीवन कला तथा विज्ञान में एक संपूर्ण क्रांति है,इस प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में यदि देवभूमि उत्तराखण्ड के शुद्ध प्राकृतिक वातावरण,पहाड़ी आर्गेनिक उत्पादों व प्राकृतिक भोजन,विशेषकर ताजे फल तथा कच्ची व हल्की पकी सब्जियाँ,शुद्ध दूध,घी,और जल जंगल और धरती के अंदर से निकलता मिनरल्स से भरपूर पेयजल इंसानों को विभिन्न बीमारियों के इलाज में निर्णायक भूमिका निभाता है और शारीरिक इम्यूनिटी बूस्टर के साथ छोटी- छोटी बीमारियों से भी दूर रखने में सहायक होता है,प्राकृतिक चिकित्सा निर्धन व्यक्तियों एवं गरीब देशों के लिये भी विशेष रूप से ईश्वर प्रदत्त प्राकृतिक वरदान है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here