कूड़ा उठाने के लिए आया टैक्टर दो साल में चला सिर्फ 66 किमी

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हरिद्वार । प्रधानमन्त्री के स्वच्छ्ता अभियान को अंगूठा दिखने को काफी है न्याय पंचायत लालढांग। न्याय पंचायत लालढांग के ग्राम पंचायतों में गजब का स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। स्वजल योजना के तहत गांव में फैली गंदगी को गांव से बाहर फेंकने के लिए ट्रैक्टर दिये गये थे, लेकिन कारनामा तो देखिए ग्राम पंचायत कांगड़ी, श्यामपुर ओर सजनपुर में गंदगी फैकने वाला यह ट्रैक्टर कभी कभार ही पंचायत में घूमते नजर आते हैं। ग्राम पंचायत कांगड़ी का ट्रैक्टर दो साल में महज 66 किमी ही चल पाया है। आलम ये है कि अब ट्रैक्टर पिछले कई दिनों से खुले आसमान के नीचे खड़ा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता संभालते ही शहरों के साथ ही ग्रामीण अंचलों की सफाई व्यवस्था को ढर्रे पर लाने के लिए खुद झाडु उठाने के साथ ही अधिकारियों को योजनाबद्व तरीके से गांव की सफाई के लिए मंथन करने को कहा था। वहीं बहादराबाद ब्लाक के न्याय पंचायत लालढांग की कुछ ग्राम पंचायतों में गांव में घरों के बाहर फैले कुडे के ढेरों को उठाने के लिए छोटे ट्रैक्टर और ट्राली स्व्जल योजना के तहत दी गई थी, मगर उन सभी ग्राम पंचायतों में यह ट्रैक्टर या तो ग्राम पंचायत या फिर ग्राम प्रधान के घर की शोभा बढा रहे है। सरकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने में पंचायत के प्रतिनीधी कितने संजीदा हैं, उसका प्रमाण आपको ग्राम पंचायत कांगड़ी में खड़े ट्रैक्टर को देखकर हो जायेगा। गांव की गंदगी को ढोने वाला यह ट्रैक्टर दो साल में महज 66 किमी ही चल पाया है। साथ ही ट्रैक्टर को खुले आसमान के नीचे गलने और सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। अन्य पंचायतों को भी कमोबेश यही हालात है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार गांव के विकास के लिए कोई योजना क्रियांवित करती है तो उसके लिए पहले पूरी प्लानिंग कर लेनी चाहिए। हालांकि ग्राम प्रधानों का भी अपना ही तर्क है। कांगड़ी के ग्राम प्रधान राजेश कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से ट्ैक्टर तो दे दिये गये हैं, लेकिन उनको चलाने के लिए धन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ग्राम पंचायत स्तर पर इस प्रकार के मद में कोई भी आहरण नहीं होने से ऐसी स्थिती उत्पन्न हो रही है। फिर भी पंचायत अपने स्तर से गांव की साफ सफाई करवाती रहती है। पिछले दिनों दो मजदूर लगाकर सफाई की गई थी, जिसमें ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया गया था। ग्राम प्रधान शकुंतला चैहान ने बताया कि स्वजल से ट्रैक्टर ग्राम पंचायत को हैंडओवर कर दिए गए थे, इसके संचालन में आने वाले खर्च के लिए खंड विकास अधिकारी को भी अवगत कराया गया था, लेकिन कोई योजना अभी तक नहीं बन पाई है। वही मामले में खंड विकास अधिकारी आईएएस नंदन कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिस कूड़ा निस्तारण के लिए ट्रैक्टर ट्रालियां दी गई थी। लेकिन कूड़ा निस्तारण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अब जल्द ही कोई योजना बनाकर कूड़ा निस्तारण के साथ ही ट्रैक्टर ट्रॉली की संचालन की भी व्यवस्था की जाएगी।

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