बोर्ड की डर्टी पॉलिटिक्स के शिकार विराट कोहली ने छोड़ी टेस्ट की कप्तानी!..

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बोर्ड की डर्टी पॉलिटिक्स के शिकार विराट कोहली ने छोड़ी टेस्ट की कप्तानी!..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी से भी इस्तीफा दे दिया है! लेटर बम आमतौर पर पॉलिटिक्स में फूटा करते हैं, लेकिन विराट ने पहले टी-20 की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया और लेटर लिखकर अब एक सार्वजनिक चिट्ठी सोशल मीडिया पर डालकर टेस्ट की जिम्मेदारी से भी हाथ खींच लिये हैं।

विराट ने लिखा है कि सात साल के कप्तानी के सफर में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ जब प्रयास में या विश्वास में कमी हो। ‘मैंने हमेशा हर चीज़ में अपना 120 फ़ीसदी देने का प्रयास किया,मेरा दिल पूरी तरह साफ़ है और मैं अपनी टीम के प्रति बेईमान नहीं हो सकता।’विराट उतार-चढ़ाव की बात कर रहे हैं। हक़ीक़त में उनकी कप्तानी में टेस्ट टीम ने कई चढ़ाव देखे। पहली बार टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में जीतकर आई। इंग्लैंड में 2-1 से लीड करखे आयी और आईसीसी की रैंकिंग में लंबे समय से टॉप पर है और पहली टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंची।कोहली की ही कप्तानी में पेसर्स की ऐसी फौज तैयार हुई, जिसे देखकर 70 और 80 के दशक की वेस्टइंडीज से तुलना की जाने लगी। स्किल के साथ उन्होंने जो अग्रेशन टीम को दिया,उसने टेस्ट क्रिकेट टीम का चेहरा बदलकर रख दिया। लॉर्डस में जब लफ्ज़ों की लड़ाई छिड़ती है और बालकनी से खड़े होकर एक भारतीय कप्तान आक्रामक मुद्रा में अपने बैटर्स का हौसला बढ़ाता है,तो ऐसा सीन क्रिकेट में रोज-रोज नहीं बनता।लेकिन कोहली ने अपने इस शानदार सफर को तब छोड़ने का फैसला किया, तब टीम एक उतार से गुजर रही है। दक्षिण अफ्रीका की हार इतनी आसानी से पचने वाली नहीं। हम जीत के दावेदार थे। दोनों टीमों के अंतर को देखते हुए जीतना भी चाहिए था, लेकिन हारे!क्या इसकी जड़ में वे विवाद हैं,जो कोहली के पहले लेटर और कोच पद से रवि शास्त्री की विदाई के बाद शुरू हुए? गांगुली-चैपल चैप्टर के बाद पहली बार भारतीय क्रिकेट में इस तरह का विवादित सीन बनता दिखा था। खराब बैटिंग फॉर्म और इस विवाद के कारण विराट दबाव में थे। हालांकि उन्होंने और बीसीसीआई ने इससे इनकार किया,लेकिन अलग-अलग समय पर आए अलग-अलग तरह के बयान बताते हैं कि सब कुछ सही नहीं था या अब भी सही नहीं है।मैदान पर विराट ने ऐसे कई दबाव झेले हैं। उम्मीद कर सकते हैं कि इस दबाव को भी वह झेल जाएं। कप्तान विराट के लिए भले सात साल का सफर ख़त्म हो गया हो, पर बैटर विराट को अभी लंबा चलना है।

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