कुशरानी गांव में पेयजल संकट,लिखा-पढ़ी के बाद भी जल संस्थान के कानों में जूं तक नहीं रेंगी
अरुण नेगी,जागो उत्तराखण्ड,नरेंद्रनगर
ग्राम पंचायत क्यार्की के गांव कुशरानी में पेयजल संकट पैदा होने से ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं,ग्रामीणों ने पेयजल संकट हल न होने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी है,ग्राम पंचायत क्यार्की के गांव कुशरानी निवासी सुनील नेगी ने बताया कि उनके गांव कुशरानी के लिए आशूखाल नामक प्राकृतिक स्रोत से वर्ष 1978 में पेयजल पाइप लाइन का निर्माण किया गया था,पेयजल पाइपलाइन कई जगह क्षतिग्रस्त है,ग्रामीणों ने पेयजल पाइप लाइन की मरम्मत की मांग नरेंद्र नगर जल संस्थान के कार्यालय जाकर कई मर्तबा की,मगर आज तक जल संस्थान के अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी है,फलत: ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं,सुनील नेगी ने कहा कि ग्रामीणों ने गांव में पेयजल आपूर्ति सुचारू करने के लिए उप जिलाधिकारी नरेंद्र नगर को पत्र भेजा है,ग्रामीणों का कहना है कि गांव के लिए बनी पेयजल पाइपलाइन पर नियमित जल आपूर्ति ना हो पाने से ग्रामीणों को 2 किलोमीटर दूर की चढ़ाई से पानी लाने को मजबूर होना पड़ रहा है और उन्हें प्राकृतिक स्रोत कुरखाल जाना पड़ता है, उस स्रोत पर भी पानी गर्मियों के कारण काफी पतला पड़ गया है और लोग रात -रात तक अपनी बारी का इंतजार करने को मजबूर हैं।,सुनील नेगी के अलावा गांव के भरत सिंह ,गुड्डी देवी, रजनी देवी ,जीत सिंह नेगी व जय सिंह नेगी ने जल संस्थान से मांग की है कि इस पुरानी पेयजल पाइपलाइन का नव निर्माण किया जाए ताकि कुशरानी गांव के लोगों को नियमित पेयजल आपूर्ति हो सके,
ग्रामीणों ने चेताया कि यदि उनके गांव के लिए बनी पेयजल पाइप लाइन पर पानी की आपूर्ति नियमित नहीं की जाती तो ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे…