प्रसार भारती कब सुनेगा पौड़ी रेडियो स्टेशन कर्मियों के “मन की बात”!..

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प्रसार भारती कब सुनेगा पौड़ी रेडियो स्टेशन कर्मियों के “मन की बात”!..

जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

मोदी जी अपने “मन की बात” तो रेडियो के माध्यम से सबको सुनाते है,लेकिन चिराग़ तले अंधेरा देखिये,रेडियो स्टेशन कर्मियों के “मन की बात”कोई सुनने को तैयार ही नहीं है!यह बात,रेडियो स्टेशन पौड़ी में काम करने वाले उद्घोषको और कम्पीयर के सम्बन्ध में कही जा रही है,जिनके मन की बात वर्षों से नहीं सुनी जा रही है! आकाशवाणी पौड़ी 1602 किलोहर्टज एफएम 100.1 और प्रसार भारती के एप न्यूज़ ऑन एयर पर सुना जाता है ,बहुत लम्बे समय से आकाशवाणी पौड़ी द्वारा प्रसारित कार्यक्रम के प्रसारण की समयावधि और इसकी क्षमता को बढ़ाने की मांग स्थानीय जनता द्वारा की जाती रही है पर प्रसार भारती की उपेक्षा के कारण गढ़वाल क्षेत्र के श्रोता आकाशवाणी पौड़ी के कार्यक्रमों से वंचित हैं,बता दें कि 25 नवम्बर 1996 को आकाशवाणी पौड़ी की शुरुआत हुई थी,जिसमें एक किलोवाट क्षमता के ट्रांसमीटर के माध्यम से जनपद पौड़ी, टिहरी और रुद्रप्रयाग के लगभग दो लाख श्रोताओं तक कार्यक्रम पहुचाने का उद्देश्य रखा गया था, लेकिन 23 वर्ष बीत जाने के बाद तकनीकी रूप से इस रेडियो स्टेशन की स्थिति बद से बदत्तर होती गयी,आलम ये है कि डिजिटल युग में पुराने ट्रांसमीटर के सहारे ज्यादा दूर तक अच्छी गुणवत्ता के साथ प्रसारण पहुंचाना अपने आप मे एक चुनौती बना हुआ है,गढ़वाल मण्डल के जैसे ही कुमाऊँ मण्डल के अल्मोड़ा में 1986 में आकाशवाणी केंद्र खोला गया था,जिसका प्रसारण तीन सभाओं में किया जाता है,लेकिन पौड़ी रेडियो स्टेशन से प्रसारण सीमित कर केवल सांयकालीन सभा का प्रसारण किया जाता है।क्षेत्रीय जनता द्वारा क्षमता और प्रसारण के समय को बढ़ाने के लिए भी समय समय पर माँग की जाती रही है,लेकिन पौड़ी केंद्र बिना किसी परिवर्तन के यथा -स्थिति में चल रहा है,रेडियो स्टेशन के वरिष्ठ उद्घोषक प्रेम सिंह नेगी का कहना है कि नौ उद्घोषकों सहित लगभग सत्ताइस कम्पीयर ग्राम जगत, युववाणी और साप्ताहिक गढ़वाली कार्यक्रम अंजवाल को प्रस्तुत करते हैं,अगर तीन सभाओं में प्रसारण होता है तो भी कोई समस्या नहीं आने वाली।कम्पीयर अशोक सिंह बताते है कि मीडियम वेब के साथ साथ न्यूज ऑन एयर और व्यवस्था पर एफ एम 100.1 मेगा हर्ट्ज पर भी आकाशवाणी पौड़ी के कार्यक्रम प्रसारित होते हैं,परंतु ट्रांसमीटर की क्षमता कम होने के कारण प्रसारण एक क्षेत्र तक सिमट कर रह जाता है।उद्घोषक अजीत थपलियाल कहतेहैं कि गढ़वाल मण्डल के इतने पुराने केंद्र की उपेक्षा नही की जानी चाहिये, शीघ्र डिजिटल तकनीक युक्त 10 किलोवाट क्षमता का ट्रांसमीटर लगाना चाहिए,जिससे सम्पूर्ण गढ़वाल क्षेत्र तक प्रसारण का लाभ पहुंच सके।कई बार क्षेत्रीय प्रतिनिधियों,अधिकारियों के माध्यम से पौड़ी केंद्र के कार्मिक प्रसार भारती तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं पर आकाशवाणी पौड़ी की स्थिति पर प्रसार भारती मौन है।पौड़ी स्टेशन कर्मी हाल ही में इन सभी मुद्दों को लेकर गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत से भी बड़ी आश लगा कर मिलें हैं,सांसद रावत की गढ़वाल की आवाज पौड़ी रेडियो स्टेशन को उसका जायज़ मुकाम दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है! सूरत मेहरा,योगम्बर पोली,शिवनारायण,सुलोचना पयाल,रैमासी रावत,अलका भंडारी सहित सभी कार्मिकों का कहना है कि प्रसार भारती द्वारा पौड़ी केंद्र की उपेक्षा के खिलाफ़ उन्हें अगर सड़कों पर उतरकर आन्दोलन भी करना पड़े तो वे पीछे नहीं हटेंगे।

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