सड़कों पर लावारिस गौ वंश और गौ सेवा के नाम पर राजनीति करती सरकारों,प्रशासन व पालिकाओं पर उठते सवाल !जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
जनपद पौड़ी मुख्यालय के वीवीआईपी इलाके सर्किट हाउस में सुबह-शाम राजनेताओं की चहलकदमी,जिला प्रशासन का रोज इन्ही सड़कों से गुजरना,शायद सड़कों पर बेसहारा घूम रहे गौवंश की सुध तभी ले सकता है,जब ऐसा करने को उसे भारी-भरकम बजट की बंदरबांट करने का मौका मिले या राजनीतिक लाभ लेने का अवसर दिखायी दे!आलम यह है कि इस मुख्य सड़क मार्ग जो बुवाखाल से जिलाधिकारी आवास होता हुआ,कंडोलिया-सर्किट हाउस एसएसपी आवास -देवप्रयाग होता हुआ राजधानी देहरादून को जाता है,लेकिन इस मुख्य सड़क मार्ग पर सैकड़ों की संख्या में खुले में लावारिश घूम रहे गौवंश की सुध लेने की जिम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता!औसतन हर दस किलोमीटर के दायरे में सड़कों पर घायल गायों और सड़क किनारे अपने नवजात बच्चों के साथ बैठी गायों की लाचारी आम लोगों का ध्यान तो खींचती है पर अफसोस किसी जिम्मेदार अफसर ,राजनेता व जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जाता!आज गाय की बदहाली और अनदेखी किसी से छिपी नहीं है, गाय के नाम पर सरकारी पैसा बटोरने वाले तथाकथित गौसेवक गाय के हिस्से का निवाला ख़ुद डकार जा रहे हैं,नतीजतन बहुत सी गायें सड़कों पर आवारा घूमती,कचरे के ढेर में पड़ी प्लास्टिक की पालीथीन तक खाती नजर आती है।गाय को राष्ट्र माता का दर्जा है,बीते दिनों भी सर्किट हाउस पौड़ी की मुख्य सड़क मार्ग पर एक बेसहारा गाय ने बछड़े को जन्म दिया और उस पर जागो उत्तराखंड द्वारा रिपोर्ट बनाने के बाद स्थानीय परिवेश के एक भलेमानुष गाँव वाले ने उस गाय को पालने की जिम्मेदारी ले ली और वो ग्रामीण तुरंत ही गाय को अपने घर भी ले गया,लेकिन गौ वंश की बेकद्री के हजारों ऐसे मामले हैं जहां किसी रिपोर्टर की नजर नहीं पड़ती!वहां सरकार और सिस्टम को कैसे पहुंचना है और कैसे व्यवस्था करनी है इस संबंध में ठोस रणनीति बनाकर काम करना जरूरी है,नहीं तो गौ माता का यूं ही अपमान और तिरस्कार होता रहेगा।