पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर हाय-तौबा क्यों!

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पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर हाय-तौबा क्यों!

वरिष्ट पत्रकार सुनील नेगी एवं जगदीश चावला:

कई लोगों ने पत्रकार अर्णव गोस्वामी को मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर रोष व्यक्त किया है और इसे एक पत्रकार के साथ ज्यादती कहा है,किसी पत्रकार के साथ अगर कोई ज्यादती होती है तो मुझ समेत हर जिम्मेदार शहरी का भी यह फर्ज बनता है कि वह पत्रकार के साथ खड़ा हो।लेकिन इसका एक पहलू ,   और है जिसके चलते पत्रकार अर्णव गोस्वामी की गिरफ़्तारी हुयी है,उसे जान लेना भी जरूरी है।पत्रकार नियम कानून के ऊपर नही हैं! 2018 में अर्णव गोस्वामी पर दो लोगो की आत्म हत्या का मुख्य कारक बताया गया है,अर्णव गोस्वामी एक इंटीरियर डिजाइनर नायक को अपना स्टूडियो बनाने और सजाने का कांट्रेक्ट देते हैं,जिसमेंं नाइक करोडों रुपये लगा कर अर्णव का स्टूडियो तैयार कराते हैं,लेकिन भुगतान के समय अर्णव हीला-हवाली करने लगते हैं और अंत मे सीधे तौर पर मना कर देते हैं।काफी भाग दौड़ के बाद भी नायक का भुगतान नही होता और अंत में नायक और उनकी माँ दोनो ने आत्महत्या कर ली!सुसाइड नोट में गोस्वामी और दो अन्य का जिक्र किया गया है। इस आधार पर पुलिस थाने में नामजद रपट दर्ज हुुयी,लेकिन उस समय की सरकार और अर्णव का इतना दबदबा था,कि मामले की जाँच बन्द कर दी गयी। सरकार बदलने के बाद नायक की पत्नी अक्षत नाइक ने सरकार से गुहार लगायी कि मामले की जाँच हो और दोषी को सजा मिले,न्याय मांगना पत्रकार का उत्पीड़न नहीं है, यह एक अपराधी धंदेबाज के ख़िलाफ़ पुलिस की जांच है और पत्रकार कानून से ऊपर नहीं है। पत्रकारों!अक्षत नाइक की पत्नी से पूछो कि इंसाफ़ न मिलने पर उसकी आत्मा पर क्या गुजरी है ?अर्नब गोस्वामी का मुम्बई पुलिस ने आज “गुड़ मॉर्निंग” कर ही दिया,मॉमला 2018 का है,आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306 का!अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र सीआईडी ने 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की आत्महत्या की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है,अर्नब को अलीबाग ले जाया गया है,जान लें कि अर्नब गोस्वामी का यह मॉमला पत्रकारिता से जुड़ा नहीं है,यह एक परिवार की बर्बादी की दास्तान है सो यहां पत्रकारिता पर हमले का ज्ञान न उड़ेलें। पत्रकार होने से किसी को किसी को लूट लेने का हक़ नहीं मिल जाता।2018 में 53 साल के एक इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उसकी मां ने आत्महत्या कर ली थी, इस मामले की जांच सीआईडी की टीम कर रही है। कथित तौर पर अन्वय नाइक के लिखे सुसाइड नोट में कहा गया था कि आरोपियों (अर्नब और दो अन्य) ने उनके 5.40 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया था, इसलिए उन्हें आत्महत्या का कदम उठाना पड़ा। रिपब्लिक टीवी ने आरोपों को खारिज कर दिया था।अन्वय की पत्नी अक्षता ने इसी साल मई में आरोप लगाया था कि रायगढ़ पुलिस ने मामले की ठीक से जांच नहीं की। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से न्याय की गुहार लगाई थी। अक्षता के मुताबिक, अन्वय ने रिपब्लिक टीवी के स्टूडियो का काम किया था। इसके लिए 500 मजदूर लगाए गए थे, लेकिन बाद में अर्नब ने भुगतान नहीं किया,जिससे वे तंगी में आ गए। परेशान होकर उन्होंने अपनी बुजुर्ग मां के साथ खुदकुशी कर ली। अक्षता का दावा है कि काफी कोशिश के बाद अलीबाग पुलिस ने अर्नब समेत तीनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज की, लेकिन आगे क्या हुआ उन्हें नहीं पता!अब अदालत ही इस मामले पर अपना फैसला सुना सकती है ।

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