जनता इण्टर कॉलेज कमलपुर प्रबन्ध समिति के चुनाव में गड़बड़ी के आरोपी मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी पहुँचे खुद की जाँच को!

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जनता इण्टर कॉलेज कमलपुर प्रबन्ध समिति के चुनाव में गड़बड़ी के आरोपी मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी पहुँचे खुद की जाँच को!
भगवान सिंह,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

कल चार दिसम्बर को जनता इण्टर कॉलेज कमलपुर के प्रबन्ध समिति के चुनाव में गड़बड़ी के आरोपी पौड़ी जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी खुद अपनी जाँच करने कमलपुर इण्टर कॉलेज पहुँच गये,दरअसल इस इण्टर कॉलेज में प्रबन्ध समिति के चुनाव में गड़बड़ी के कई आरोप हैं,जिसकी शिकायत पूर्व प्रबन्ध समिति के सदस्य द्धारा जिलाधिकारी को की गयी थी,जिसके उपराँत जिलाधिकारी ने मामले की जाँच के आदेश दे दिये थे,गड़बड़ी के आरोपो में प्रमुख आरोप निम्नवत हैं-

08/02/2018 के प्रबन्ध समिति के प्रस्ताव संख्या -7 के अनुसार नवीन प्रबन्ध समिति गठन हेतु साधारण सभा गठन हेतु विज्ञप्ति अमर उजाला दैनिक जागरण व हिंदुस्तान में से एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित किये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया,किन्तु विज्ञप्ति राष्ट्रीय सहारा अख़बार जो कि इस क्षेत्र में नही आता है में कैसे प्रकाशित की गयी?यह प्रबन्ध समिति के प्रस्ताव-7 का उल्लंघन है,प्रबन्ध समिति द्वारा 18/06/2018 को अध्यक्ष व प्रबन्धक के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया तो उनके द्वारा विज्ञप्ति कैसें जारी की गयी ? 04 /07/2018 को समिति द्वारा सारे 300 ड्राफ्टों को अस्वीकार कर दिया गया व 16/07/2018 को साधारण सभा द्वारा भी अस्वीकार कर दिया गया तो 15/11/2019 को बिना ड्रॉफ्टों के चुनाव कैंसे कराया गया ?14/12/2019 तक बैंक ड्राफ्ट विद्यालय के अनुपालन कोष में जमा नही किये गयें तो बिना ड्राप्टों के चुनाव कैसें सम्पन्न हुआ? प्रबन्ध समिति का कार्यकाल दिनाँक 02/जून/2018 को समाप्त हो गया था तो उससे छ: माह पूर्व अर्थात प्रबन्ध समिति का कार्यकाल 01/12/2018 को समाप्त हुआ अर्थात 02जून 2018 तक के ड्राफ़्ट जोकि छः माह पूर्व जमा होने पर,उन्ही सदस्यों को चुनाव में भाग लेने का अधिकार था,तो 2 जून 2018 के बाद ड्राफ़्ट जमा करने वाले व्यक्तियों को कैसे मत देने का अधिकार दिया गया?सदस्यों ने आरोप लगाया है कि उनके द्वारा जिला अधिकारी पौड़ी को उक्त गड़बडियों की शिकायत करने पर चुनाव में गड़बड़ी करने के आरोपी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी जांच टीम के सदस्य बनकर आयें तो उन्हें निष्पक्ष जाँच की उम्मीद नहीं है और वे उक्त जाँच को सक्षम मंच या न्यायालय में चुनौती देकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को जारी रखेंगे।

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