मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र की जून 2020 में ल्वाली झील बनकर तैयार होने की घोषणा साबित हुयी फर्जी!

0
393

मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र की जून 2020 में ल्वाली झील बनकर तैयार होने की घोषणा साबित हुयी फर्जी!

जागो उत्तराखण्ड एक्सक्लूसिव:

उत्तराखण्ड के पौड़ी शहर से लगी खूबसूरत गगवाड़स्यूं घाटी का सूर्यास्त बड़ा मनोहारी होता है,इसका जिक्र राहुल सांकृत्यायन ने अपने यात्रा वृत्तान्तों में भी किया है,कि यँहा का सूर्यास्त का दृश्य,पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों के साथ देश के सबसे खूबसूरत सूर्यास्त के दृश्यों में से एक है ,मुख्यमन्त्री त्रिवेंद्र ने इसी साल जून में पौड़ी के इस क्षेत्र में झील के निर्माण का शिलान्यास कर और जनसभा कर घोषणा की थी जुलाई 2020 में यँहा ल्वाली झील बनकर तैयार हो जायेगी, जिससे पौड़ी हिल स्टेशन के भाग्य का सूर्योदय होने की उम्मीद जग गयी थी,क्योंकि ऐसा होने से पौड़ी आने वाले पर्यटकों के पास झील में बोटिंग का विकल्प भी हो जाता,मुख्यमंन्त्री रावत ने इसी साल 30 जून को गगवाड़स्यू घाटी में स्थित ल्वाली झील का शिलान्यास करते हुये, निर्माणकारी संस्था सिंचाई विभाग के अभियन्ता को जोर देते हुये निर्देशित किया था “मुज़्हे एक साल के अन्दर झील चाहिये”सीएम की सख्ती से लगता था कि जून 2020 में ल्वाली झील एक हक़ीक़त होगी,यह पौड़ी कैबिनेट की धरातल पर उतर रही यह एकमात्र उपलब्धि भी थी,ल्वाली झील के लिये दो करोड़ निर्गत किये गये थे ,लेकिन लगभग सात करोड़ की लागत से बनने वाली झील का निर्माण कार्य एक साल के अन्दर पूरा किये जाने की घोषणा के छः माह बाद भी निर्माण स्थल पर कुछ भी नजऱ नहीं आ रहा है ऐसे में जून 2020 तक किसी भी हालत में ल्वाली झील बनते हुये नहीं दिखाई देती और मुख्यमन्त्री की घोषणा फर्जी ही साबित होती दिखाई देती है,जिससे स्थानीय जनता में बेहद निराशा और रोष है,आपकी जानकारी के लिये बता दें कि देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का गाँव घीड़ी भी इसी इलाक़े में है,ऐसे में लगता है कि त्रिवेंद्र सरकार को आम जनता के साथ देश के कर्णधारों की भी कुछ परवाह नहीं!
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=3294707677209934&id=100000122038646

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here