पौड़ी जनपद के तमलाग गाँव के लिये बनी 65 लाख की पेयजल योजना में घोटाला!
जागो ब्यूरो एक्सक्लूसिव:
पौड़ी जनपद की खूबसूरत गगवाड़स्यूं घाटी में स्थित तमलाग गाँव के लिये बनी 65 लाख की पेयजल योजना के टैंक,पाईपलाइन और डिस्ट्रीब्यूशन लाइन में गुणवत्ता और मानकों से समझौता कर घोटाला करने का आरोप है,उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम द्वारा निर्मित इस योजना द्वारा तमलाग गाँव को योजना के निर्माण वर्ष से ही सुचारू पेयजल आपूर्ति न होने पर स्थानीय ग्रामीण पदमेंद्र सिंह नेगी ने सूचना के अधिकार के अन्तर्गत योजना के टैंक,बीएफजी,पाइपलाइन आदि के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम से जानकारी माँगी,लेकिन विभाग द्वारा जानकारी उपलब्ध कराने में आनाकानी की गयी, जिसके बाद मामले की शिकायत पौड़ी के जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल से की गयी,जिलाधिकारी के आदेश पर उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम ने जिलाधिकारी को योजना के सम्बन्ध में एक जाँच आख्या उपलब्ध करायी गयी, जिससे असन्तुष्ट होने पर पदमेंद्र नेगी जी ने “जागो उत्तराखण्ड” से इस योजना में हुये भ्रष्टाचार को उजागर करने औऱ गाँव को सुचारू पेयजल सप्लाई उपलब्ध कराने हेतु मदद माँगी, “जागो उत्तराखण्ड”द्वारा योजना के स्थलीय निरीक्षण में योजना में मानकों से कम मोटाई के पाइप इस्तेमाल होने और टैंक निर्माण में गड़बड़ियां प्रथम दृष्टया दृष्टिगोचर हुयी हैं,”जागो उत्तराखण्ड” जिलाधिकारी पौड़ी से योजना की जाँच निर्माणकारी संस्था उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम से न करा किसी दूसरे विभाग या स्वतन्त्र संस्था से कराने का अनुरोध करता है ,जिससे दूध का दूध और पानी कर भ्रष्टाचार के दोषियों को दण्डित किया जा सके और ग्रामीणों को सुचारू रूप से पेयजल भी उपलब्ध कराया जा सके,आपकी जानकारी के लिये बता दें कि तमलाग गाँव बारह सालों में होने वाले मोरी के मेले के लिये प्रसिद्ध है,साथ ही गाँव के ऊपरी हिस्से में पर्याप्त जलश्रोत हैं,फ़िर भी ग्रामवासियों को पेयजल उपलब्ध न हो पाना बेहद निराशाजनक है क्योंकि आज भी इस गाँव से ज्यादा पलायन नहीं हुआ है और ग्रामीण खेती और बागवानी भी कर रहे हैं, लेकिन अगर सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का यही आलम रहा तो जल्द ही यँहा के ग्रामीण भी पेयजल जैसी मूलभूत आवश्यकता के अभाव में पलायन को मजबूर हो जायेंगे!