पहाड़ के 2521 एकल शिक्षक वाले और 178 शिक्षक विहीन विद्यालयो में शिक्षकों की कमी पूरी करने को,शिक्षकों की पहाड़ वापसी मामले में,सीएम त्रिवेन्द्र की कथनी और करनी पर पहाड़ वासियों की नजर..

0
339

पहाड़ के 2521 एकल शिक्षक वाले और 178 शिक्षक विहीन विद्यालयो में शिक्षकों की कमी पूरी करने को,शिक्षकों की पहाड़ वापसी मामले में,सीएम त्रिवेन्द्र की कथनी और करनी पर पहाड़ वासियों की नजर..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

पहाड़ों से पलायन रोकने को पलायन आयोग बनाने वाले सीएम त्रिवेन्द्र क्या 500 शिक्षकों को भेजेंगे पहाड़ वापस?

कांग्रेस सरकार में चुनाव आचार संहिता लगने से ठीक पहले पर्वतीय जनपदों से तबादले होकर आए 500 शिक्षकों की पहाड़ वापसी का मामला अब मुख्यमंत्री दरबार मे पहुँच गया हैं, आपको बता दे कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे इस मामले में पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं और शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम को कई बार निर्देश भी दे चुके है कि इनमे गम्भीर बीमार शिक्षकों को छोड़कर बाकी अन्य सभी शिक्षकों को पहाड़ में वापस उनके मूल संवर्ग में भेजा जाए

मानव संसाधन मन्त्री डॉ. “निःशंक” से शिक्षा मन्त्री अरविन्द पाण्डेय और सरकार पर दवाब बनाने से लटका शिक्षकों को पहाड़ वापस भेजने का मामला

लेकिन शिक्षकों के दबाव के कारण आज तक सरकार कोई निर्णय नही ले पायी हैं और पहाड़ वापसी का कोई आदेश जारी नही कर पाई हैं। शिक्षकों के द्वारा राज्य में विधायको और मंत्रियों और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ.निशंक का दबाव बनवाकर मामले को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास किया आ रहा है,इन शिक्षकों के द्वारा पहाड़ न चढ़ने के लिए उनके मूल विद्यालयो में रिक्त पद उपलब्ध नही होने का भ्रम भी फैलाया जा रहा हैं और इस बात को विधायको के पत्र में लिखवाकर सरकार तक भिजवाया जा रहा हैं ,इन शिक्षकों का स्थानान्तरण शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या 1596 दिनांक 21 नवम्बर 2016 द्वारा किया गया था जिसके अनुसार इनको मूल विद्यालय जाने की बजाय मूल संवर्ग (जिला संवर्ग) में वापस जाना है,जहां से इनको रिक्त पद उपलब्ध वाले विधालयो में भेज जाएगा। शिक्षकों की तिकड़मबाजी और राजनीतिक सैटिंग की बात करें तो कांग्रेस राज में जितनी सैटिंग थीउससे कही ज्यादा सैभाजपा सरकार में लगती हैं । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार “निशंक” के दबाव में सरकार इन शिक्षकों को पहाड़ के खाली स्कूलों में न भेजकर वन टाइम सैटलमेंट देने पर विचार कर रही हैं,इसी कारण इनकी पहाड़ वापसी का आदेश जारी नही किया जा रहा हैं

पहाड़ वापसी न करने के लिये कुछ दिन पहले पहाड़ से मैदान भेजे गये शिक्षकों ने दी थी दस्तक़..

इन 500 शिक्षकों में सबसे ज्यादा संख्या लगभग 300 के देहरादून के सुगम विद्यालयो में और 120 से अधिक हरिद्वार जनपद के सुगम विधालयो में हैं और इनमे कई शिक्षक पद्दोन्नति का लाभ लेकर भी स्थानन्तरित किये गए है, जिनको लेकर देहरादून का प्राथमिक शिक्षक संघ कई बार आंदोलन की धमकी दे चुका हैं ।मामला अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दरबार मे जाने से सबकी निगाहें,जीरो टोरलेंस का दम भरने वाली और पहाड़ो से पलायन रोकने के लिए पलायन आयोग बनाने वाले त्रिवेंद्र रावत पर टिकी हैं

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here