उत्तराखण्ड हाइकोर्ट ने प्रदेश में पैराग्लाइडिंग ,व्हाइट वाटर राफ्टिंग तथा अन्य वाटर स्पोर्ट्स पर प्रतिबन्ध लगाया…
उत्तराखण्ड हाइकोर्ट ने प्रदेश में पैराग्लाइडिंग ,व्हाइट वाटर राफ्टिंग तथा अन्य वाटर स्पोर्ट्स पर पर्यावरण व मानव सुरक्षा की दृष्टि से सरकार द्वारा नीति बनाये जाने तक प्रतिबन्ध लगा दिया है,ऋषिकेश के सामाजिक कार्यकर्ता हरि ओम कश्यप द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजीव शर्मा और लोकपाल सिंह की खण्डपीठ ने ये फैसला सुनाया है,खण्डपीठ ने सरकार को दो सप्ताह के अन्दर मानव और पर्यावरण की सुरक्षा के दृष्टिगत हैंगग्लाइडिंग,व्हाइट वाटर राफ्टिंग व अन्य वाटर स्पोर्ट्स के लिए पारदर्शी नीति बनाने को कहा है,कोर्ट ने ये आदेश सोमवार को दे दिया था, लेकिन कल वृहस्पतिवार को ही आदेश की प्रति उपलब्ध करायी गयी है,हैरानी की बात है कि बीते दिनों सरकार ने टिहरी झील के ऊपर कैबिनेट बैठक कर प्रदेश में पर्यटन को उद्योग का दर्जा तो दे दिया है7,लेकिन लाखों युवाओं और पर्यटन करोबारियों की रोजी रोटी से जुड़े पैराग्लाइडिंग,व्हाइट वाइट राफ्टिंग व अन्य वाटर स्पोर्ट्स के संचालन के लिए अभी तक कोई रूल्स रेगुलेशन ही नहीं बनाए हैं! जो कि हास्यास्पद है,कानूनी प्रक्रिया में समय लगने की संभावना को देखते हुए सरकार को तत्काल पैराग्लाइडिंग और व्हाइट वाटर राफ्टिंग व अन्य वाटर स्पोर्ट्स के लिए दो हफ्ते के अन्दर पारदर्शी रूल्स रेगुलेशन बनाकर माननीय हाइकोर्ट में अपना पक्ष रख देना चाहिए,जिससे प्रदेश के लाखों लोगों को बेवज़ह अपने कारोबार से हाथ न धोना पड़े…