Highcourt will hear Large Scale Green Falling in Forest Minister Harak Singh Rawat’s Constituency matter in PIL

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“जागो उत्तराखण्ड” बिग ब्रेकिंग

उत्तराखण्ड हाईकोर्ट “जनहित याचिका” में करेगा,वन मन्त्री हरक सिंह रावत की विधानसभा कोटद्वार और उससे लगी लैन्सडाउन विधानसभा में काटे गये हजारों हरे पेड़ों के मामले में इंसाफ़

“जागो उत्तराखण्ड” द्वारा प्रमुखता से उठाये गये कोटद्वार और उसके आसपास “मन्त्री जी” के इशारे पर पिछले कुछ महीनों में ही काटे गयेे हजारों पेड़ों के मामले को उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका में परिवर्तित कर दिया है,दरअसल दिसम्बर 2017 में “जागो उत्तराखण्ड” द्वारा लैन्सडाउन वन प्रभाग में नाप भूमि पर सैकड़ों हरे पेड़ों के कटान का मामला प्रमुखता से उठाया गया था,तत्कालीन डीएफओ सन्तराम ऑन कैमरा यह कहते हुए रिकॉर्ड हुए थे,कि स्थानीय भाजपा नेत्री ममता थपलियाल देवरानी ने अपने पिता को ये अनुमतियाँ “मन्त्री जी” से कहलवाकर दिला दी हैं,इस खुलासे के बाद “जागो उत्तराखण्ड” सम्पादक आशुतोष नेगी पर कोटद्वार थाने में फर्जी मुक़दमा क़ायम करवा कर मामले को आगे न प्रकाशित करने का दवाब बनाया गया,लेकिन “जागो उत्तराखण्ड”अपने उसूलों से नहीं डिगा और सम्पादक आशुतोष नेगी ने माननीय उच्च न्यायालय में इस फर्जी एफआईआर के ख़िलाफ़ याचिका दाख़िल की, जिसमें बड़ी संख्या में हरे पेड़ों को काटे जाने को पर्यावरण का भारी विनाश मानते हुये माननीय उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका के रूप में परिवर्तित कर दिया है,आपको याद दिला दें कि अप्रैल माह में एक बार फिर महिला नेत्री के पिता आनन्द बल्लभ थपलियाल और भाई शोभित थपलियाल दुगड्डा के पास बिना रवाना और नम्बरिंग के पेड़ों की तस्करी करते हुए “जागो उत्तराखण्ड” द्वारा पकड़े गए, हालाँकि स्थानीय वन अधिकारियों की साँठ-गाँठ से मामला रफा दफ़ा कर दिया गया,यँहा तक कि दोनों पिता पुत्र ने “जागो उत्तराखण्ड” प्रतिनिधियों को ट्रक से कुचलने की धमकी भी दी,जिसपर उत्तराखण्ड के मुख्यमन्त्री ने भी संज्ञान लिया और लैन्सडाउन थाने में पिता-पुत्र पर मुक़दमा क़ायम किया गया,लगातार “जागो उत्तराखण्ड” कोटद्वार जो कि वन मन्त्री हरक सिंह रावत की विधानसभा है और पास की लैन्सडाउन विधानसभा में वन माफ़िया और स्थानीय वन अधिकारियों की मिलीभगत से हरे पेड़ों के कटान की खबरें प्रकाशित और प्रसारित करता रहा,अंततः विवादास्पद डीएफओ सन्तराम को लैन्सडाउन फारेस्ट डिवीज़न से हटा दिया गया,अभी कुछ समय पूर्व तेज तर्रार युवा आईएफएस वैभव कुमार सिंह ने लैंसडाउन वन प्रभाग में सन्तराम की जगह डीएफओ का पदभार ग्रहण किया ,आते ही उन्होंने वन तस्करों पर शिकंजा कसना प्रारम्भ कर दिया ,मामला लालढांग रेंज में बड़ी संख्या में खैर के हरे पेड़ो के अवैध कटान का था, मामले में वन विभाग ने तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज भी किया,लैन्सडाउन वन प्रभाग के लालढांग रेंज के अन्तर्गत यमकेश्वर ब्लॉक के ग्राम सभा दयावाला और ताल घाटी के दिवोगी गॉव के कंडारा में नाप खेत पर अनुमति की आड़ में खैर के 241 हरे पेडों का अवैध रूप से कत्लेआम कर दिया गया,विभाग की ओर से काश्तकार महेन्द्र सिंह,भोपाल सिंह,ठेकेदार आनन्द बल्लभ थपलियाल व उसके मुंशी लक्ष्मण सिंह रावत के खिलाफ वृक्ष संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया और उपजिलाधिकारी लैंसडाउन भी राजस्व भूमि में कटान की पुष्टि करवाने के बाद वन संरक्षण अधिनियम के तहत भी वन माफिया पर कार्यवाही की कोशिश में हैं,बाद में मुन्शी तो गिरफ्तार कर लिया गया ,लेकिन वन माफ़िया आनन्द बल्लभ थपलियाल अपनी राजनीतिक पकड़ के चलते वन विभाग के शिकंजे में नही आया,वन माफिया आनन्द बल्लभ थपलियाल,उनका पुत्र शोभित थपलियाल और परिवार के अन्य सदस्य पूर्व में भी कई वन अपराध कर चुके हैं और इसी आधार पर अब वन विभाग केवल जुर्माना वसूल करने के बजाय आनन्द बल्लभ थपलियाल और उनके सहयोगियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही करने की तैयारी भी कर रहा है,आपको बात दें कि मौजूदा प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड(HOFF)जय राज ने भी फरवरी में पदभार ग्रहण करते हुए कहा था कि संगठित तरह से वन अपराध करने वालों की किसी सूरत में नहीं बख्शा जायेगा, उम्मीद है अब उच्च न्यायालय द्वारा मामला जनहित याचिका के रूप में भी स्वीकार किये जाने के बाद पिछले कुछ ही माह में लैन्सडाउन वन प्रभाग में हजारों हरे पेड़ काटने वाले वन माफिया के ख़िलाफ़ और उसमें भाजपा कार्यकर्ताओं और डीएफओ व “मन्त्री जी” की भूमिका की पड़ताल होने के बाद लैंसडाउन वन प्रभाग में काटे गये हजारों हरे पेड़ों के मामले में दोषियों को उचित दण्ड मिलने की उम्मीद है ,याचिका की पैरवी कर रहे उच्च न्यायालय के विद्वान अधिवक्ता नवनीश नेगी ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय उक्त मामले में तत्कालीन डीएफओ सन्तराम के ऑन कैमरा बयान को मुख्य साक्ष्य मानते हुये, डीएफओ और विभागीय मन्त्री हरक सिंह रावत को भी तलब कर सकता है, जिससे पूरे मामले की हक़ीक़त सामने आ सके…

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