टिहरी जनपद में पीएमजीएसवाई सड़क निर्माण के दौरान सैकड़ों पेड़ों को अवैध तरीके से उखाड़ने के मामले में मुख्य वन संरक्षक(HoFF)उत्तराखण्ड जयराज ने ” जागो उत्तराखण्ड” की खबर का संज्ञान लेकर सम्बन्धित वन संरक्षक को दिए शख्ती के निर्देश…
टिहरी जनपद की कीर्तिनगर तहसील के अन्तर्गत सड़क बनाने के नाम पर नियम कानूनो को ताक मे रखकर पीएमजीएसवाई विभाग व सड़क निर्माण कम्पनी पर्यावारण को भारी नुकसान पहुंचा रही है, दरअसल टिहरी जिले के कीर्तिनगर के झिनझिनीसैंड – जखेड़ मोटर मार्ग की स्वीकृति के बाद वन विभाग की संस्तुति से वन निगम द्वारा सड़क मार्ग मे आने वाले स्वीकृत पेड़ों को काटा जाना था, लेकिन सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार ने वन निगम द्वारा पेड़ काटने से पहले ही बिना अनुमति के जगंल मे जेसीबी व पोकलैंड मशीनो को घुसा दिया और पेड़ों को काटने की बजाय सैकड़ों पेड़ों को उखाड़कर इधर उधर फेंकना शुरू कर दिया, हमारे द्वारा खबर चलाने के बाद वन निगम हरकत मे आया और 10किमी की इस सड़क के शुरूआती दो किमी मे ही 204 पेड़ उखाडकर फेका जाना पाया गया, लेकिन ठेकेदार की राजनीतिक पहुंच के चलते न तो वन निगम ने कार्यवाही की ,न ही पीएमजीएसवाई ने ठेकेदार को काम करने से रोका, नतीजन अभी भी अवैध तरीके से पेड़ों को उखाड़ा जाना जारी है, यही नही यहां ग्रामीणों के बगीचों को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है और सड़क काटकर मिट्टी को डम्पिग क्षेत्र मे डालने की बजाय सड़क के इधर उधर जंगल मे डाला जा रहा है, जिससे पर्यावरण को बड़ी मात्रा मे क्षति पहुंचाई जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों की भूमि को भी इससे खतरा पैदा हो रहा है, अब पूरे मामले पर उतराखण्ड के नवनियुक्ति मुख्य वन सरंक्षक जयराज ने”जागो उत्तराखण्ड” की खबर का सज्ञान लेते हुए, अवैध तरीके से पेड़ों को उखाड़ने के इस मामले की जांच के आदेश सम्बंधित वन संरक्षक को दे दिए हैं,आपको बता दें साढे सात करोड़ की इस सड़क के ठेकेदार भाजपा से कांग्रेस मे आये पूर्व मन्त्री मातबर सिंह कण्डारी के पुत्र राजीव कण्डारी है, जिस वजह से सरकार व विपक्ष दोनों की सह इस अवैध काम के लिए मिल रही है, ये भी गौरतलब है कि कार्यवाही से बचने के लिए ठेकेदार ने पीएमजेएसवाई के बोर्ड मे कार्यशुरू करने की तारीख 2 फरवरी 2018 डाली है, जबकि पत्रावली के अनुसार 204 पेड़ों के अवैध कटान की पुष्टि 30 जनवरी को हो चुकी है…