पौड़ी का कोट ब्लॉक महाकाल सेना के जोशीले युवाओं की पहल पर बनेगा एकीकृत कृषि का रोल मॉडल..

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पौड़ी का कोट ब्लॉक महाकाल सेना के जोशीले युवाओं की पहल पर बनेगा एकीकृत कृषि का रोल मॉडल..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

कहावत है “हिम्मते मर्दा मर्दे ख़ुदा” वे लोग जिनमें हिम्मत होती है,वे लोग अपनी किस्मत खुद लिखते हैं,पौड़ी जनपद के कोट ब्लॉक में महाकाल सेना के युवाओं ने इस कहावत को चरितार्थ करके दिखा दिया है,कठूड गाँव की कई सालों से बंजर पड़ी जमीन को पिछले तीन महीने में मातृशक्ति और इन युवाओं ने अपने मेहनत के पसीने से आबाद कर दिया है,जिसके बाद “जागो उत्तराखण्ड”के सहयोग से इन युवाओं को सिंचाई के लिए उद्यान विभाग की मदद से पाइप दिलवाया गया और अब कृषि विभाग द्वारा इन्हें पावर टिलर/बीडर भी उपलब्ध करा दिया गया है,खेती की आधुनिक तकनीकी मदद पाकर युवा और ज्यादा उत्साहित हैं,”जागो उत्तराखण्ड” की पहल पर रविवार को पौड़ी जनपद के मुख्य कृषि अधिकारी डॉ देवेंद्र सिंह राणा और जिला उद्यान अधिकारी डॉ नरेंद्र कुमार ने कोट ब्लॉक में स्थित इन खेतों का दौरा किया और युवाओं को पावर टिलर/बीडर तो उपलब्ध कराया ही,साथ ही जंगली जानवरों से बचाव के लिए घेर-बाड़,सिंचाई के लिए टैंक, खाद-बीज एवं आधुनिक तकनीकें उपलब्ध कराने का भी वादा किया है,साथ ही अब यहां पर मत्स्य विभाग भी काफी संख्या में फ़िशरी पौंड बनाने का इच्छुक दिखाई दे रहा है,जिसके लिए प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है,जिससे भविष्य में यह इलाका पूरे उत्तराखण्ड के लिए एक एकीकृत कृषि के रोल मॉडल के रूप में विकसित होगा और संभवत पौड़ी शहर और आसपास की जनता की सब्जी के लिए नजीबाबाद और बाहरी इलाकों में निर्भरता भी समाप्त हो जायेगी,क्योंकि कोट ब्लॉक की महाकाल घाटी के अलावा,यहां पर जसपुर में पँवार बंधु,पौड़ी के सत्याखाल के पास होनहार महिला किसान सविता,अनिल नेगी व राका भाई,डोभा गाँव में डोभाल बंधु और उसके अलावा कई नेपाली भाई भी कृषि एवं औद्यानिकी का काम कर रहे हैं जिससे कि पौड़ी शहर एवं आसपास के क्षेत्र को पड़ोस के इलाके से रोजमर्रा के लिए ताजी आर्गेनिक सब्जियां उपलब्ध हो जायेंगी,साथ ही उम्मीद की जाती है भविष्य में कृषि,पशुपालन,मत्स्य पालन,उद्यान आदि का एकीकृत मॉडल विकसित होने पर यंहा से बाज़ार की अन्य आवश्यकताएं भी जल्द पूरी हो जायेंगी,कोरोना संकट के इस दौर में उत्तराखण्ड में पलायन की सबसे ज्यादा मार झेल रहे पौड़ी जनपद के लिये इससे बड़ा वरदान और क्या हो सकता है!

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