सर्दियों में पहाड़ों में बहुतायाद से होने वाला “माल्टा” फल बन रहा है आर्थिकी का आधार..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
सर्दियों में उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में बहुतायत से होने वाला माल्टा फल पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए आर्थिकी का आधार बन सकता है,हालांकि इसे उत्तराखण्ड सरकार की नाकामी ही कहा जाएगा कि पौड़ी समेत सभी पहाड़ी जनपदों में ही माल्टा को संरक्षित करने हेतु कोल्ड स्टोरेज भी उपलब्ध नहीं हैं,साथ ही सरकार द्वारा समय से इसका उचित समर्थन मूल्य घोषित कर इसे खरीदने की व्यवस्था भी नहीं बनायी जाती,जिसके कारण यह फल काफ़ी मात्रा में बर्बाद भी हो जाता है,
लेकिन उद्यान विभाग के अंतर्गत पौड़ी में संचालित राजकीय खाद्य प्रसंस्करण केंद्र माल्टा के स्कवैश-जूस आदि बनाने में बेहतरीन योगदान दे रहा है।
केंद्र के प्रभारी विनीत नेगी ने “जागो उत्तराखण्ड” संपादक अंबेश पंत से माल्टा से स्कवैश और जूस बनाने तथा पहाड़ में होने वाले अन्य फलों का सदुपयोग किए जाने तथा स्थानीय लोगों को घरेलू स्तर पर माल्टा या अन्य फलों से स्क्वैश-जूस-अचार आदि बनाने के बारे में विधिवत जानकारी उपलब्ध कराई,उम्मीद है इस भेंटवार्ता के माध्यम से उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों के काश्तकारों को माल्टा और अन्य फलों के माध्यम से घरेलू रोजगार पैदा करने हेतु एक नई दिशा मिलेगी “जागो उत्तराखण्ड” का हमेशा प्रयास रहता है कि वह उद्यानिकी कृषि,पशुपालन और पर्यटन जैसे स्थानीय संसाधनों से पहाड़ों में रोजगार पैदा करने हेतु अपने स्तर से हरसंभव मदद उपलब्ध कराये।