अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रुपए दो लाख सत्तर हज़ार का एक आम! सुरक्षा में लगे हैं नौ कुत्ते और तीन गार्ड…

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अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रुपए दो लाख सत्तर हज़ार का एक आम! सुरक्षा में लगे हैं नौ कुत्ते और तीन गार्ड…

भाष्कर द्विवेदी,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

जापान के ‘टाइयो नो टमागो’ के नाम से मशहूर आम की एक खास वरायटी है,जिसे इंग्लिश में ‘एग ऑफ द सन’ का नाम दिया गया है,जापान में इस वरायटी के आम लगभग दो लाख सत्तर हजार रुपए किलो बेचे गए हैं!

एमपी के जबलपुर स्थित चरगवां में जापानी आम की खेती..

जबलपुर के चरगवां में संकल्प परिहार ने अपने बगीचे में लगाये हैं जापानी आम के ये पेड़!..

कीमती आम को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं लोग..

आम की इस खास वरायटी को अब जबलपुर में भी सफलतापूर्वक उगाया जा रहा है,जिले की तिलवारा घाट के पास अपनी बंजर पड़ी जमीन पर संकल्प सिंह परिहार इसकी खेती कर रहे हैं,2.70 लाख रु. कीमत वाले इस आम और पेड़ों की सुरक्षा व्यवस्था में 4 गार्ड और 6 कुत्ते तैनात किए हैं,वैसे तो देश में आम की 1200 किस्में हैं,लेकिन जबलपुर में एक आम की कीमत लाखाें रुपए किलो में बताई जा रही है,फार्म हाऊस संचालक का दावा है कि ये जापानी वैरायटी का यह आम अपने देश में 2.50 लाख रुपए प्रति किलो तक बिक चुका है..

एक आम की कीमत 2.70 लाख रुपये..!

तामागो आम के एक पीस की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 2 लाख 70 हजार रुपये बताई जा रही है, हालांकि इंटरनेट पर उपलब्ध रेट में इसकी कीमत एक से दो लाख के बीच है। इस आम की खेती करने वाले संकल्प परिहार ने कहा कि जापान में इस आम को पॉली हाउस के अंदर सुरक्षित वातावरण में उगाया जाता है। जबलपुर में हमने प्रयोग के तौर पर इसे लगाया था और इस आम को जबलपुर का वातावरण अच्छा लगा और यहां पर लग गए,उन्होंने कहा कि पिछले एक आम की कीमत 2.70 लाख रुपये थी।जबलपुर में दुनिया के सबसे महंगे आम की खेती आम की ये विशेष प्रजाति ‘टाइयो नो टमागो’ इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है,यह आम अंडे की शक्ल का होता है,बैंगनी और लाल कलर के साथ ही पकने पर इसका कुछ हिस्सा पीला पड़ जाता है,इसमें रेशे नहीं पाए जाते और स्वाद में यह बहुत मीठा होता है,आम की यह प्रजाति जापान में संरक्षित वातावरण में उगाई जाती है, लेकिन संकल्प सिंह परिहार ने अपनी बंजर पड़ी जमीन पर इसे खुले वातावरण में ही उगाया है,इस आम को मल्लिका भी कहते हैं,संकल्प ने बताया कि इस आम की खेती में किसी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है,उन्होंने कुछ देशी हाइब्रिड और कुछ विदेशी हाइब्रिड किस्म के आमों की किस्में लगाई हैं,इनमें सबसे ज्यादा सफल मल्लिका किस्म के आम की खेती में मिली है,संकल्प का कहना है कि यह आम अल्फांसों से भी बेहतर है,इसमें ज्यादा पल्प होता है,मल्लिका की यह वरायटी काफी स्वादिष्ट बताई जा रही है!

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