कोटद्वार में राजनीतिक सरपरस्ती में खनन माफियाओं के हौसले बुलन्द वन दरोगा पर किया हमला..
जागो ब्यूरो,कोटद्वार
कोटद्वार की नदियों में बरसात के दिनों में भी अवैध खनन में लगे खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं,शनिवार रात को मालन नदी में अवैध खनन रोकने के लिए गश्त कर रही लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज की टीम को खनन माफियाओं ने घेर लिया,माफियाओं ने वन दरोगा को भी वाहन से नीचे खींचने की कोशिश की,किसी प्रकार वन कर्मी जान बचाकर वहां से भागे, वन दरोगा याकूब अली की ओर से कोतवाली में नामजद तहरीर दी गई है,पुलिस आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है
कोतवाली में दी गई तहरीर में वन दरोगा याकूब अली ने बताया कि वे शनिवार रात को करीब 10 बजे कोटद्वार रेंज के पांच वन कर्मियों के साथ अवैध खनन को लेकर मालन नदी क्षेत्र में गश्त पर थे,इसी दौरान उसके मोबाइल पर एक फोन आया जिसमें फोन वाले ने अपना परिचय हुकुम सिंह रावत उर्फ टून्ना पुत्र जगमोहन निवासी शिवराजपुर बता कर मिलने को कहा,वे उसे मिलने नहीं गये, मालन नदी से लौटते समय पुल पर पाँच मोटर साइकिल सवार आये और उनके साथ गाली गलौज करने लग गये,उनसे किसी प्रकार पीछा छुड़ाकर वे वापस रेंज कार्यालय लौट ही रहे थे कि तभी रात के तकरीबन ग्यारह बजे मोटाढांग तल्ला में बीइएल रोड पर हुकुम सिंह रावत उर्फ टून्ना नाम का व्यक्ति करीब 20-25 लोगों के साथ पहुंच गया और उसने वन दरोगा याक़ूब अली को जान से मारने की धमकी दी,इस बीच उन्हें वाहन से नीचे उतारने का भी प्रयास किया गया,इस बीच वाहन चालक ने खनन माफियाओं की मंशा को भांपते हुए किसी प्रकार भीड़ के बीच से वाहन को निकालकर उसे कोटद्वार की ओर दौड़ा दिया, वन दरोगा याकूब अली ने पुलिस को दी गई तहरीर में खनन माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है,एसएसआई प्रदीप नेगी ने बताया है कि शिवराजपुर निवासी आरोपी हुकुम सिंह रावत उर्फ टून्ना पुत्र जगमोहन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है,कोटद्वार और आसपास के क्षेत्र में पहले भी ख़नन और वन माफियाओं द्वारा पत्रकारों समेत वन और राजस्व कर्मियों पर हमले होते रहे है,जिसपर कोई कार्यवाही होती नहीं दिखती,जिससे लगता है कि कोटद्वार में ये सारे अवैध खेल राजनीतिक संरक्षण में चल रहे हैं और जो भी अधिकारी ईमानदारी दिखाता है उसको उसका खामियाजा अन्यत्र तबादले के रूप में भुगतना पड़ता,जिसका ताज़ा उदाहरण लैन्सडाउन वन प्रभाग के तेज तर्रार डीएफओ वैभव कुमार सिंह और एसडीएम कोटद्वार का तबादला होना है,जानकारी प्राप्त हुयी है कि इन दोनों अधिकारियों ने वन और खनन माफियाओं पर कॉफ़ी हद तक अंकुश लगाया हुआ था ,जिससे परेशान होकर माफियाओं ने अपने सफ़ेदपोश आका के माध्यम से दोनों का तबादला अन्यत्र करवा दिया है,जिससे उनके अवैध कारोबारों पर कोई रोकटोक न रहे ,लेकिन इसका नुकसान तो कोटद्वार की जनता को ही भुगतना पड़ता है जिस पर इन अवैध कारोबारों की वजह से नदी और वनों के पर्यावर्णीय सन्तुलन बिगड़ने के कारण बाढ़ आने पर भूस्खलन और भूधसाँव से ज़मीन और मकान समेत जानमाल का ख़तरा मंडरा रहा है।