विश्वपटल पर छाया पैठाणी के जयदीप का मुक्का..

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विश्वपटल पर छाया पैठाणी के जयदीप का मुक्का..
भगवान सिंह, जागो ब्यूरो एक्सक्लूसिव:

पौड़ी गढ़वाल के राठ क्षेत्र के पैठाणी के जयदीप रावत का मुक्का आज विश्वपटल पर भारत की शान बन गया है,जयदीप हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात में सम्पन्न एशियाई जूनियर मुक्केबाजी में रजत पदक जीत कर पौड़ी गढ़वाल के सुदूरवर्ती राठ क्षेत्र में स्थित अपने गाँव पैठाणी लौटे हैं,इस मुक्केबाजी प्रतियोगिता में विश्व भर के अट्ठाइस देशों ने प्रतिभाग किया था, जयदीप रावत ने कजाकिस्तान के मुक्केबाज को पराजित कर भारत की झोली में यह रजत पदक डाला है,जयदीप रावत इससे पहले विश्व स्तर पर हंगरी में आयोजित प्रतियोगिता में भी कांस्य पदक जीत चुके हैं,जिला स्तर पर स्वर्ण पदक,राज्य स्तर पर भी दो स्वर्ण पदक, एक रजत, एक कांस्य पदक जयदीप के नाम पहले से हैं। जयदीप रावत के अपने गृह क्षेत्र पैठाणी पहुंचने पर उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं पूरे क्षेत्र के लोगों ने जयदीप रावत का पारम्परिक वाद्य यंत्र और फूल मालाओं से स्वागत किया,अपने गृह क्षेत्र पैठाणी पहुंचकर जयदीप रावत ने सरकार और अपने ग्रामीण बुजुर्गों का शुक्रिया अदा किया वहीं उनके स्वागत के दौरान उनके पिताजी जगदीश रावत भावुक हो गये और अपने आंसू नहीं रोक पाये,एशियाई जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में पौड़ी गढ़वाल के पैठाणी गांव के जयदीप रावत ने रजत पदक जीत कर भारत का नाम विश्वपटल पर चमकाया है,वंही पूरे देश में उत्तराखण्ड का मान भी उन्होंने बढ़ाया है,पौड़ी गढ़वाल के राठ क्षेत्र के छोटे से गांव पैठाणी के रहने वाले जयदीप इस वक्त गढ़वाल बॉयज स्पोर्ट्स कंपनी लैंसडाउन में कक्षा 12 में पढ़ रहे हैं,जँहा वे मुक्केबाजी की ट्रेनिंग लेते हैं, उत्तराखण्ड सरकार को ऐसे हीरे को हाथों हाथ लेकर प्रोत्साहित करना चाहिये, जिससे जयदीप भविष्य में एशियाड और ओलिंपिक में भी भारत को पदक दिला सकें,लेकिन फ़िलहाल उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उनके लिये कोई विदेश पुरुस्कार या किसी तरह के प्रोत्साहन की घोषणा न होने से इलाके के लोग हैरान हैं,उत्तराखण्ड के पौड़ी जनपद से ताल्लुख़ रखने वाले स्थानीय समाजसेवी मोहन काला ने भी सरकार की जयदीप रावत की इस उपलब्धि पर बेरुखी पर हैरानी जतायी है।

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