PWD Engineer sacrifices luxury of city for the service of the native situvated in remote hills

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पहाड़ की जवानी पहाड़ के नाम…

एक और पहाड़ की ही पैदाइश कई बच्चे पढ़ लिख कर डॉक्टर ,इंजीनियरिंग या शिक्षक के रूप में पहाड़ नहीं चढ़ना चाहते हैं,तो कुछ ऐसे भी हैं, जो मातृभूमि का कर्ज अदा करने के लिए विषम भौगोलिक परिस्थितियों और सुख सुविधाओँ के अभाव में भी पहाड़ की सेवा करना चाहते हैं,ऐसे ही एक अधिकारी हैं, लोकनिर्माण विभाग के बैजरो खण्ड के अधिशासी अभियन्ता प्रवीण बहुखण्डी, जिन्होंने पौड़ी मुख्यालय में सुविधाओं का त्याग करते हुए अपने गृहक्षेत्र चौबट्टाखाल विधानसभा में स्थित लोक निर्माण विभाग के इस खण्ड में सेवा करना पसन्द किया,जबकि उनके साथ के सारे अभियन्ताओं ने भ्रष्टाचार के आरोप से घिरे,दूरस्थ और शहरी सुविधाविहीन इस खण्ड में पदभार ग्रहण करने में अनिच्छा जता दी, बहुखण्डी ने इस खण्ड में पदभार ग्रहण करने के उपरान्त सबसे पहले पिछले कई सालों से लम्बित भुगतानों को करवा कर ठेकेदारों के आन्दोलन को समाप्त कर खण्ड पर स्थायी रूप से ताला पड़ने की सम्भावना को समाप्त किया ,वरन इसी क्षेत्र के अन्तर्गत पड़ने वाले ऐतिहासिक बेदीखाल इण्टरकॉलेज की जर्जर इमारत में कक्षायें सन्चालित करने को तत्काल दो कमरों का निर्माण भी करवा दिया है,अपने क्षेत्र के बच्चे की कार्यशैली से उत्साहित इलाके की मातृशक्ति और स्थानीय जनता ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर बहुखण्डी का नागरिक अभिनन्दन किया और बहुखण्डी को लंबे समय से लम्बित/नवीन सड़कों के निर्माण और रखरखाव के प्रस्ताव भी सौपें ,वंही बहुखण्डी ने भी स्थानीय ग्रामीणों को उत्साहित होकर सभी प्रस्तावों पर तेजी से कार्यवाही का आश्वासन दिया है,पहाड़ के बच्चे के पहाड़ के विकास को,पहाड़ चढ़ने ने एक बार तो यह अहसास अवश्य करवा दिया है,कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती, वाली कहावत हमेशा सच्ची साबित नहीं होती…

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