देहरादून के श्री महन्त इंद्रेश अस्पताल की जानलेवा लापरवाही:कोरोना संदिग्ध को क्वारंटाइन न करने से अब रिपोर्ट पॉजिटिव आने से दर्जनों को संक्रमण की आशंका..
गौरव तिवारी,जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
18 मार्च को दुबई से देहरादून आये एक युवक ने बुखार होने पर 19 मार्च को श्री महंत इंद्रेश अस्पताल की ओ.पी.डी. में जांच करवायी, परंतु कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध लक्षण होने पर भी मरीज को मात्र सैंपल लेकर घर भेज दिया गया, जबकि मरीज की सैंपल जाँच रिपोर्ट आने तक अस्पताल की निगरानी में क्वारन्टीन में रखा जाना चाहिए था,परंतु नहीं रखा गया और संक्रमित मरीज अपने घर में परिवार के साथ रह रहा था, शनिवार को युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर हड़कंप मच गया,अब कोरोना संक्रमित युवक के संपर्क में आने वाले महंत इंद्रेश अस्पताल के 10 कर्मचारियों को भी होम क्वारन्टीन किया गया है, क्योंकि युवक में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है और यह कर्मचारी जाँच के समय संक्रमित युवक के संपर्क में आए थे तथा जिस डॉक्टर ने युवक की जांच की थी उस डॉक्टर ने उस वक्त पर्सनल प्रोटेक्शन एग्जामिनेशन किट पहनी हुई थी,परंतु वँहा बाकी मौजूद कर्मचारियों के पास कोई भी सुरक्षा हेतु उपाय नहीं थे,अस्पताल की इस जानलेवा गम्भीर लापरवाही को बहुत ही गंभीरता से लेते हुए सचिव स्वास्थ्य नीतेश कुमार झा द्वारा कहा गया है कि जब मरीज में कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण थे तो उसे अस्पताल में क्वॉरेंटाइन में क्यों नहीं रखा गया?क्यों उसको घर भेजा गया?इस अत्यंत गंभीर मामले में सरकार द्वारा अस्पताल को नोटिस भी जारी किया जायेगा,अब सवाल यह है कि महंत इंद्रेश अस्पताल की इस गंभीर जानलेवा लापरवाही पर सरकार द्वारा मात्र नोटिस भेजकर ही इतिश्री कर ली जाएगी या कोई कार्यवाही भी होगी,क्योंकि अस्पताल प्रबंधन पूर्ण रूप से इस गंभीर लापरवाही के लिए जिम्मेदार है और पता नहीं इससे कितने ही लोगों कि जान खतरे में डाल दी गयी है! क्योंकि वो कोरोना वायरस से संक्रमित युवक पता नहीं किस किस के संपर्क में आया होगा?इस घटना के बाद अस्पताल का स्टाफ भी काफी डरा हुआ है,एक कर्मचारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया है कि अस्पताल प्रशासन ने अभी तक अस्पताल को सही तरीके से सेनेटाइज भी नहीं किया है,जिससे उनको अपने व परिवार की कोरोना संक्रमित होने की चिंता हो रही है!