डबल इंजन का डबल विकास,विकास के ऊपर सवार हुआ विकास और हो गया सत्यानाश..
जागो ब्यूरो एक्सक्लूसिव:
उत्तराखण्ड सरकार ने श्रीनगर में विकास के ऊपर विकास को सवार कर दिया है और हो गया सत्यानाश!जी हाँ सरकार ही कहती है कि सड़क पुल से सभी गाँव मोहल्ले जोड़कर विकास को हर व्यक्ति तक पहुँचाया जायेगा शायद उत्तराखण्ड सरकार 2022 नज़दीक देख कुछ ज्यादा ही जल्दबाजी में है, दरअसल श्रीनगर-सुपाणां में पुल के ऊपर से ले जायी पेयजल लाईन यही बयां कर रही है,सुपाणा मोटर पुल से पेयजल लाइन के बिछने के बाद अब बड़े वाहनों को मोटर पुल से आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है,इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन ने मोटर पुल के समीप बोर्ड भी लगा दिया है। जिसमें बड़े वाहनों के मोटर पुल से गुजरने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। मोटर पुल से आवाजाही बंद होने से ग्रामीणों में काफी रोष है। बड़े वाहन चालक प्रशासन के इस फैसले से नाखुश हैं,लगभग 250 लोग बेरोजगार हो गए है वाहन चालकों का कहना है कि सुपाणा समेत आस-पास के गांवों का यह एकमात्र पुल है जो श्रीनगर से जुडता है,ऐसे में अगर इस पुल से आवाजाही नहीं होगी तो कई लोगों का रोजगार छिन जायेगा, बता दें कि सुपाणा के ग्रामीण लम्बे समय से पेयजल लाइन को मोटर पुल से बिछाये जाने का विरोध कर रहे थे,ग्रामीणों की माँग थी कि पहले वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जाये,उसके बाद पेयजल लाइन का कार्य किया जाय,ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने उन्हें गुमराह करने का कार्य किया है,करोड़ो के पुल के ऊपर से यातायात बन्द करा पेयजल योजना की पाइप लाइन उसके ऊपर से गुजार देना भारतीय इंजीनियरिंग के नाम पर भी एक कलंक है,जानकारी मिली है कि इस कलंक के पीछे नदी पार के दो बीजेपी विधायकों के वर्चस्व की लड़ाई है जिसनें इंजीनिरिंग के माथे पर यह कलंक लगवा दिया है,धीरे-धीरे डबल इंजन का डबल विकास जनता की भी समझ आने लगा है,लेकिन फ़िलहाल जनता ने तूफान से पहले की खामोशी ओढ़ ली है।