हैंडीक्राफ्ट का बेहतरीन नमूना पेश कर रही तिलवाड़ा, रुद्रप्रयाग की लक्ष्मी के लिये राज्य सरकार कब होगी वोकल फ़ॉर लोकल..?
जागो उत्तराखंड ब्यूरो रिपोर्ट:
लोकल उत्पाद और निष्प्रयोज्य चीजों का बेहतर इस्तेमाल और तालमेल बैठाकर नायाब चीजों को बनाने का काम करते हुए उत्तराखंड क्राफ्टिंग गर्ल लक्ष्मी युवाओं के लिए एक उदाहरण पेश कर रही हैं।आप सोशल मीडिया इंस्टाग्राम,फेसबुक और यूट्यूब पर (उत्तराखंड क्राफ्टिंग गर्ल) के नाम से जानी जाती हैं और स्थानीय लोगों को इस हैंडीक्राफ्ट का प्रशिक्षण देने का कार्य भी करती हैं,लेकिन उनकी इस कला को बाजार न मिलने से वह आहत और निराश हैं।उन्होंने सरकार से मदद के हाथ आगे बढ़ाने की गुहार लगाई है। वह चाहती हैं कि वे अन्य महिलाओं को भी इससे स्वरोजगार को लेकर उन्हें प्रेरित करें और स्थानीय निष्प्रयोज्य चीजों के इस्तेमाल से नायाब आकृतियों को बना,उसको बाजार में पेश कर महिलाओं की आर्थिकी का जरिया बनाया जा सके।वह पिछले 10 सालों से यह कार्य कर रही हैं, जिसमें उन्होंने चीड़ के कोन, चीड़ की पत्तियों, खाली प्लास्टिक की बोतलों और धान की स्टिक आदि चीजों से उत्तराखंड की संस्कृति की झलक पेश करते मकान, केदारनाथ टेंपल,नंदाराज जात,पहाड़ी घड़ियों व आईनों आदि अनगिनत कलाकृतियों को बनाया है और अब वह स्थानीय महिलाओं को भी स्वरोजगार के लिए ट्रेनिंग देना चाहती हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल के स्लोगन को सिर्फ़ नारे तक सीमित रखने वाली सरकार उनके द्वारा स्थानीय बाजार तथा मदद के लिये लगाई जा रही गुहार को लगातार अनसुना कर रही है। लोग उनके बनाए गये हैंडीक्राफ्ट की कई चीजों को पसंद भी करते हैं,लेकिन सरकार की ओर से स्वरोजगार को प्रेरणा देने के लिए उनके उत्पादों को बाजार न दे पाना, उनके इस हुनर की परवाज़ को पंख लगने में लगातार दिक्कतें पैदा कर रहा है।