“जागो उत्तराखण्ड” एक्सक्लूसिव
मुख्यमन्त्री द्वारा भोपालपानी में झुके पुल की जांच के आदेश पर कार्यवाही पूरी होने से पहले ही कौन पुल का मलबा हटा कर सबूत करवा रहा नष्ट !
मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के अधीन विभाग,लोक निर्माण विभाग में किस तरह भ्रष्टाचार व्याप्त है,इसका नमूना देखने राजधानी देहरादून से बाहर जाने की जरूरत नहीं हैं ,अभी कुछ दिन पहले रायपुर-थानों के पास भोपालपानी में नवनिर्मित फ्लाईओवर /पुल एक दिन ट्रैफिक चलने के बाद ही बन्द करना पड़ा, क्योंकि पुल नीचे बैठना शुरू हो गया ,हो हल्ला होने पर मुख्यमन्त्री स्वयं यंहा पहुँचे और उन्होंने इसकी जांच के आदेश दे दिए और कहा कि एक हफ्ते में जाँच पूरी कर ली जायेगी, लेकिन हफ्ता छोड़िये, दो हफ्ते होने को है,लेकिन जांच का क्या हुआ कुछ पता नहीं,आज जब हम हालात जानने मौके पर पहुँचे तो हमारी आँखें खुली की खुली रह गयी,क्योंकि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार अभी जाँच शुरू तो दूर जाँच के सैंपल तक नहीं लिए गए हैं,उससे पहले ही कॉन्ट्रेक्टर ने पुल के उस हिस्से के मलबे को,जो नीचे बैठ गया था, पोकलैंड और जेसीबी मशीन से उधाड़ कर मलबा वंहा से हटाना शुरू कर दिया है, ऐसे में अब ये पता लगाना नामुमकिन है,कि पुल में क्या तक़नीकी खामी थी और किस तरह की निर्माण सामग्री इसके निर्माण में प्रयुक्त हुयी थी? नियमविरुद्ध जांच के दौरान ही पुल को तोड़ने की अनुमति किसनी दी यह भी बहुत बड़ा सवाल है और अगर कॉन्ट्रेक्टर खुद ही इसे जोर जबरदस्ती तोड़ कर निर्माण में खामी छुपाने के लिये सबूत नष्ट कर रहा है, तो उसके हौसले इतने बुलन्द कैसे ? जानकारी प्राप्त हुयी है कि कॉन्ट्रेक्टर ने पैसा बचाने के लिये पुल की रेटेनिंग वाल को आरसीसी के बजाय बोल्डरो से भर दिया था,जिस वजह से पुल नीचे बैठ गया ,ऐसे में अपने कुकर्म छुपाने के लिए अब सारा मलबा हटा कर सबूत मिटाये जा रहे हैं ,ईश्वर का शुक्र है कि ये पुल /फ्लाईओवर चलते ट्रैफिक में नहीं बैठा,नहीं तो जान माल को बड़ा नुकसान भी हो सकता था ,लेकिन अगर भ्रष्टाचार का आलम यही रहा तो दोबारा हादसे की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता,यह भी जानकारी प्राप्त हुयी है कि इस पुल के निर्माण के लिए दो करोड़ और फिर से स्वीकृत कर दिए गए हैं ,जिससे इसकी लागत अब 10 करोड़ को छू रही है ,मुख्यमंत्री जी बताइये क्या जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा,यूं ही ठिकाने लगाने के लिए है, भ्रष्टाचार का ये नंगा खेल आपकी विधानसभा डोईवाला के अन्तर्गत ही हो रहा है साहब और जिस पहाड़ से आप डोईवाला व देहरादून पहुँच कर मुख्यमन्त्री की कुर्सी पर विराजमान हैं ,वँहा हमारे बुजुर्गों ,माताओं, बच्चों , भाइयों और बहनो के लिये नदी पार करने के लिए झूला पुल भी बनाने के लिए आपके पास पैसा नहीं हैं..शर्मनाक !