दून मेडिकल कॉलेज के उपनल कार्मिकों की प्रोनत्ति में भ्रष्टाचार
देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज के अन्तर्गत संचालित दून अस्पताल में उपनल के तहत नियुक्त कुशल कार्मिकों(कम्प्यूटर ऑपरेटरों)को उच्च कुशल कार्मिकों के पद पर नियुक्त करने की प्रक्रिया पर गम्भीर सवाल उठ रहे हैं,कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता द्वारा पिछले माह पाँच कुशल कार्मिकों को गुपचुप तरीके से उच्च कुशल कार्मिकों के पद पर प्रोनत्ति दे दी गयी ,इसके लिये कोई भी चयन प्रक्रिया नहीं अपनायी गयी और पिक एंड चूस आधार पर पाँच कुशल कार्मिकों की प्रोनत्ति उच्च कुशल में कर दी गयी, इस बात का पता अन्य कार्मिकों को लगने पर उन्होंने दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक से स्वयं को भी उच्च कुशल कार्मिकों में पदोन्नति दिये जाने का अनुरोध किया ,जिस पर उन्तीस कुशल कार्मिकों को उच्च कुशल पदों पर प्रोन्नत करने की संस्तुति देते हुये अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.के.के टम्टा ने प्राचार्य गुप्ता को पत्र प्रेषित किया,जानकारी प्राप्त हुयी है कि उच्च कुशल कार्मिको के रूप में प्रोन्नत किये गये कार्मिकों में से तीन का नाम चिकित्सा अधीक्षक द्वारा प्राचार्य को कुशल कार्मिकों से उच्च कुशल कार्मिकों में पदोन्नत किये जाने हेतु संस्तुत उन्तीस की सूची में भी हैं और अन्य दो मेडिकल कॉलेज में कार्य कर रहे हैं व प्राचार्य के नजदीकी बताये जाते हैं “जागो उत्तराखण्ड”ने सलेक्शन प्रक्रिया में अनियमितता के बारे में जब प्राचार्य गुप्ता से सम्पर्क किया तो उनके पास इस अनियमितता का कोई जवाब ही मौजूद नहीं था औरअब वे स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर कुशल कार्मिकों को उच्च कुशल में प्रोन्नत करने की बातें कह रहे,जब उनसे पूछा गया कि “पांच” के लिये क्या प्रक्रिया थी? तो वे झुँझलाकर बौखलाने लगे, ,दून अस्पताल के उपनल कार्मिकों के साथ हो रही इस नाइंसाफी पर,उपनल कार्मिकों के प्रदेश संगठन का क्या रुख रहता है?इस पर सब की नजरें टिकी हुयी हैं, कि वह अपने साथी कुशल कार्मिको की न्यायोचित माँग को पूरा करवाने व कुशल कार्मिकों की प्रोनत्ति में अनियमितता के लिये दोषी अधिकारी को दण्डित करवाने के लिये,वह किस तरह उपनल,स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों व सरकार पर दबाब बनाता है