देहरादून में किसकी शह पर जहरीली शराब बेच रहा था “घोंचू”??

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देहरादून में किसकी शह पर जहरीली शराब बेच रहा था “घोंचू”??

जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

देहरादून में जहरीली शराब से आधा दर्जन ग़रीब भाइयों की मौत दिल दहला देती है,अभी कुछ महीने पहले ही हरिद्वार में भी सैकड़ों लोग जहरीली शराब पीकर मारे गये थे,इस तरह की घटनायें शासन,प्रशासन,पुलिस और आबकारी विभाग की कार्यशैली पर तो गम्भीर सवाल पैदा करती हैं,प्रदेश में सरकार के अस्तित्व होने के ऊपर भी बड़े सवालिया निशान खड़े करती हैं,इस बारे में दो राय हो ही नहीं सकती कि जहरीली शराब और नशे के दूसरे प्रकार के अवैध धंधों के माध्यम से समाज में जहर फैला कर पैसा कमा रहे लोग देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं, देहरादून में हुयी दर्दनाक घटना के लिये सत्ताधारी पार्टी के एक पूर्व पार्षद “घोंचू” को ज़िम्मेदार बताया जा रहा है,साफ़ है कि सत्ताधारी पार्टी के सदस्य होने की वजह से पुलिस और आबकारी विभाग ने उसपर हाथ डालने की हिम्मत नहीं की,जबकि वह देहरादून शहर के बीचोबीच अवैध शराब का कारोबार करने के लिये बदनाम है,यह आम जनता जानती है कि सत्ताधारी दल के तीन विधायकों का तो इस पूर्व पार्षद के घऱ पर आना जाना लगा रहता है,यह भी कहा जाता है कि यह पूर्व पार्षद राजधानी के तीन विधायकों व एक कैबिनेट मंत्री व एक पूर्व मुख्यमन्त्री का काफी नजदीकी है,ये भी सम्भव है कि वह सत्ताधारी पार्टी के किसी बड़े नेता की शह पर यह समाज विरोधी काम पूरे आत्मविश्वास के साथ कर रहा था,अब जब एक कड़ी मिल गयी है तो अगर सरकार ईमानदार है तो मुख्यमंन्त्री पुलिस और जाँच एजेंसियों को खुली छूट दें कि इस मामले में संलिप्त चाहे वह सत्ताधारी पार्टी का कितना ही बड़ा नेता ही क्यों न हो सलाखों के पीछे किया जाय,उसका अपराध अक्षम्य है,हालाँकि सभी को पता है कि शराब और खनन के अवैध धंधों में अकसर राजनैतिक संरक्षण पर्दे के पीछे रहता है,लेकिन शराब वह भी जहरीली परोसना सीधे सीधे हत्या का मामला है और इसका दण्ड मृत्यदंड ही होना चाहिए,सरकार के पास अभी भी मौका है कि वो अपने दामन पर पड़े गरीबों के ख़ून के छीटों को अपने ही बड़े नेताओं पर कार्यवाही कर धो ले!

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